शरलॉक होम्स की जासूसी 6

Serlock

Serlock

हमारे बंदी की खुद को बचाने की कोशिश यह नहीं दिखा रही थी कि वह हम से भी नाराज है, क्योंकि जब उस ने अपने को बेबस पाया, वह बड़े प्यार से मुसकराया और उम्मीद की कि उस लड़ाईझगड़े से हम में से किसी को चोट नहीं लगी होगी. “मैं सोचता हूं कि तुम मुझे पुलिस स्टेशन ले जाओगे,” उस ने शरलॉक होम्स से कहा, “मेरी कैब दरवाजे पर खड़ी है. अगर तुम मेरे पैरों के बंधन खोल दोगे, तो मैं पैदल नीचे तक जा सकूंगा, मैं उठाने में अब उतना हलका नहीं रहा, जितना मैं हुआ करता था.”

ग्रेगसन और लेस्ट्रेड ने एक दूसरे से नजर मिलाई, मानो सोच रहे हों कि यह कितनी ढिठाई भरी फरमाइश है. पर होम्स ने फौरन बंदी की बात मान ली और वह तौलिया ढीला कर दिया जो उसे उस के पैरों में बांधा गया था. वह उठा. उस ने अपने पैरों को फैलाया, मानो अपने को विश्वास दिला रहा हो कि वह एक बार फिर से आजाद है. मुझे याद है कि जब मैं ने देखा, तो मुझे लगा कि मैं ने शायद ही इतना हृष्टपुष्ट डीलडौल वाला आदमी पहले कभी देखा होगा. उस के धूप से काले पड़े चेहरे पर दृढ़ता के वे भाव थे, जो उस की शारीरिक ताकत के अनुरूप ही भीषण प्रतीत हो रहे थे.

“अगर पुलिस चीफ की कोई जगह खाली है, तो मैं सोचता हूं कि तुम से ज्यादा काबिल कोई नहीं हो सकता,” उस ने खुली प्रशंसा की दृष्टि से मित्र कोनिहारते हुए कहा. जिस तरह से तुम ने मेरा पीछा किया.”

“बेहतर होगा कि तुम मेरे साथ आओ,” होम्स ने दोनों जासूसों से कहा.

“मैं तुम लोगों के लिए गाड़ी चला सकता हूं.” लेस्ट्रेड ने कहा.

“बहुत बढ़िया और ग्रेगसन हमारे साथ अंदर आ सकता है. तुम भी चलो डाक्टर, तुम ने इस केस में रुचि दिखाई है और इसलिए हमारे साथ ही रहो.”

मैं खुशी से तैयार हो गया और हम सब साथसाथ नीचे गए. हमारे कैदी ने भागने की कोई कोशिश नहीं की. वह शांति से कैब में बैठ गया, जो उस की ही थी और हम लोग उस के पीछे चले. लेस्ट्रेड ऊपर चढ़ा और घोड़े को चाबुक लगाया और बहुत कम समय में ही हम को अपनी मंजिल तक ले गया जहां, एक पुलिस इंस्पेक्टर ने हमारे कैदी का नाम और उन लोगों के नाम जिन की हत्या का उस पर आरोप था, दर्ज किया. यह इंस्पेक्टर सफेद चेहरे वाला, भावहीन आदमी था, जो अपना काम बड़ी रुखाई से मशीनी तरीके से कर रहा था. “इसी हफ्ते में कैदी को मैजिस्ट्रेट के आगे पेश किया जाएगा,” उस ने कहा, इस दौरान, मिस्टर जेफरसन होप, क्या तुम को कुछ कहना है? मैं तुम को चेतावनी देता हूं कि तुम्हारे शब्द लिख लिए जाएंगे और उन का इस्तेमाल तुम्हारे खिलाफ किया जा सकता है.”

“मेरे पास कहने के लिए बहुत कुछ है,” धीरे से कैदीने कहा. “मैं अपने सज्जनों को सब कुछ बताना चाहता हूं.”

“क्या तुम वह अपनी पैरवी के लिए नहीं रखोगे?” इंस्पेक्टर ने पूछा.

“मेरी पेशी कभी नहीं होगी.” उस ने जवाब दिया. “आप इतना चौंकिए मत. मैं आत्महत्या के बारे में नहीं सोच रहा हूं. क्या आप डाक्टर हैं?” उस ने अपनी तेज, काली आंखें मेरे ऊपर टिका कर अपना आखिरी सवाल पूछा.

“हां, मैं हूं.” मैं ने जवाब दिया.

“फिर यहां पर अपना हाथ रखो,” उस ने मुसकरा कर कहा और अपने हथकड़ी से जकड़े हाथों से अपनी छाती की ओर इशारा किया.

मैं ने ऐसा किया और उसी वक्त मैं ने महसूस किया कि उस के सीने में कितनी ज्यादा हलचल थी और धड़कन कितनी बढ़ी हुई थी. उस के सीने की दीवारें इस तरह हिल रही थीं, मानो किसी ताकतवर इंजिन के चलने से कोई कमजोर इमारत हिल रही हो. कमरे की चुप्पी में भी मैं उस गड़गड़ाहट को सुन पा रहा था, जो उस की छाती से ही आ रही थी.

“तुम को तो एओरटिक अन्यूरिज्म है!”

“ऐसा कह कर वे इस रोग को नाम देते हैं;” उस ने शांति से कहा. “पिछले हफ्ते मैं इस को दिखाने के लिए एक डाक्टर के पास गया था और उस ने मुझे बताया कि अब कुछ ही दिनों में यह फट जाएगा. कई सालों से यहबिगड़ता ही जा रहा था. सॉल्ट लेक पहाड़ों में कुपोषण और कठिन परिस्थितियों के कारण यह रोग मुझे लगा है. मैं ने अब अपना काम खत्म कर लिया है और मुझे परवाह नहीं कि मैं कब खत्म हो जाऊंगा, पर मैं अपनी सारी कहानी सुना देना चाहता हूं. मैं नहीं चाहता कि मुझे आम हत्यारा समझा जाए.”

इंस्पेक्टर और दोनों जासूसों ने आपस में सलाह की कि उस को अपनी कहानी सुनाने देना ठीक होगा कि नहीं.

“डाक्टर, क्या तुम को लगता है कि इस की जान खतरे में है?” उस ने पूछा.

“हां, इस में कोई शक नहीं.” मैं ने जवाब दिया.

“उस हालत में, न्याय की खातिर हमारा फर्ज बनता है कि उस का बयान ले लिया जाए,” इंस्पेक्टर ने कहा, “सर, आप को आजादी है कि आप अपना बयान दें और मैं आप को फिर से चेतावनी देता हूं, कि वह दर्ज कर लिया जाएगा.”

“आप की अनुमति हो तो मैं बैठ जाता हूं.” कैदी ने अपनी बात पर अमल करते हुए कहा. “इसी बीमारी की वजह से मैं जल्दी थक जाता हूं और जो धींगामुश्ती आधा घंटे पहले हुई थी, इस से मेरी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. मैं कब्र में पैर लटकाए खड़ा हूं और इस की संभावना नहीं है कि मैं आप लोगों से झूठ बोलूंगा. मेरा हर शब्द पूरा सच है और आप इस का कैसे इस्तेमाल करेंगे, इस बात से मुझ पर कोई असर नहीं पड़ता.”

इन शब्दों के साथ जेफरसन होप अपनी कुरसी पर पसर गया और उस ने आश्चर्यजनक बयान दिया. वह शांत और सिलसिलेवार तरीके से बोल रहा था, मानो जो घटनाएं उस ने बताईं, वे आम थीं. साथ दिए विवरण की सचाई की मैं कसम खा सकता हूं क्योंकि मैं ने लेस्ट्रेड की नोटबुक पढ़ी है, जिस में कैदी के शब्दों को हूबहू वैसे ही लिखा गया था, जैसे वे बोले गए थे.

“इस से आप को कोई मतलब नहीं कि मुझे इन लोगों से इतनी नफरत क्यों थी,” वह बोला- यह काफी है कि वे दोनों दो इनसानों की मृत्यु के जिम्मेदार थे- एक बाप और एक बेटी की और इसलिए उन्होंने जिंदगियां खतरे में डाल दी थीं. उन के अपराध को इतना वक्त बीत चुका था कि मैं किसी अदालत में उन को नहीं घसीट सकता था, पर मैं जानता था कि वे दोषी हैं और मैं ने फैसला कर लिया कि मैं ही वकील, जज, सूली पर लटकाने वाला- सब कुछ बन जाऊंगा. आप भी ऐसा ही करते, अगर आप में थोड़ी सी भी ताकत होती, अगर आप मेरी जगह होते.

जिस लड़की की मैं बात कर रहा था, वह बीस साल पहले मुझ से शादी कर चुकी थी. उस को इसी ड्रेबर के साथ शादी करने को मजबूर किया गया और उसी में वह अपना दिल तोड़ बैठी. मैं ने उस के मृत शरीर की अंगुली से अंगूठी निकाली. मैं ने कसम खाई कि ड्रेबर की मरती हुई आंखें इसी अंगूठी को देख कर बंद होंगी. उस के आखिरी खयाल इस अपराध के होंगे जो उस ने किया था और जिस की अब उसे सजा मिल रही थी.
मैं इसे हर जगह साथ ले कर घूमा हूं. मैं ने इस का और इस साजिश में शामिल इस के दोस्त का दो महाद्वीपों में तब तक पीछा किया जब तक मैं ने उन को ढूंढ़ नहीं लिया. उन्होंने सोचा कि वे मुझे थका देंगे, पर वे ऐसा नहीं कर पाए. अगर मैं कल मर भी जाता हूं, जिस की संभावना काफी है, मैं यह जानते हुए मरूंगा कि मैं ने इस दुनिया में अपना काम पूरा कर लिया है और अच्छी तरह पूरा किया है. वे खत्म हो चुके हैं, वे भी मेरे हाथों अब मेरे लिए कुछ भी नहीं बचा है, न उम्मीद न इच्छा.

वे अमीर थे और मैं गरीब था इसलिए उन का पीछा करना मेरे लिए कोई आसान नहीं था. जब मैं लंदन आया, मेरी जेब करीबकरीब खाली थी और मैं समझ गया कि मुझे कुछ काम कर के पैसा कमाना होगा. ड्राइव करना मेरे लिए उतना ही आसान है जितना पैदल चलना, इसलिए मैं ने एक कैब के मालिक के दफ्तर में कोशिश की और जल्दी ही मुझे नौकरी मिल गई.
हर हफ्ते मुझे कैब के मालिक को कुछ रकम देनी होती और उस से जो कुछ बचता, उसे मैं रख सकता था. मेरे पास कभीकभी ही पैसे बच पाते थे, पर मैं किसी तरह काम चलाता गया. सब से कठिन काम था यहां के रास्तों से वाकिफ होना, क्योंकि मैं समझता हूं कि इस शहर की गलियां बहुत ज्यादा पेचीदा हैं, फिर भी मेरे पास एक नक्शा रहता था और एक बार यहां के मुख्य होटल और स्टेशनों को देख लेने के बाद मेरा काम आसान हो गया.

यह ढूंढ़ने में मुझे थोड़ा वक्त लग गया कि मेरे दोनों सज्जन कहां रह रहे हैं. पर मैं पूछताछ करता रहा, जब तक मैं ने इन्हें ढूंढ़ नहीं निकाला. वे केंबरवेल के एक बोर्डिंग हाउस में रह रहे थे-नदी के उस पार एक बार उन को ढूंढ़ लिया. मैं जानता था कि अब वे मेरी कृपा पर हैं. मैं ने अपनी दाढ़ी बढ़ा ली थी और किसी सूरत में वे मुझे पहचान नहीं सकते. मैं उन से बचता हुआ उन का पीछा करता रहा, जब तक मुझे ठीक मौका नहीं मिल गया. मेरा पक्का इरादा था कि वे फिर से मुझ से बच नहीं पाएंगे.

पर इस सब के बावजूद वे फिर करीबकरीब बच निकलते. वे लंदन में कहीं भी जाते. मैं हमेशा उन के पीछे होता. कभी मैं अपनी कैब से पीछा करता, कभी पैदल. पर कैब ही सब से ठीक था क्योंकि फिर वे मेरी आंखों से ओझल नहीं हो सकते थे. मैं सिर्फ सुबह तड़के या देर शाम कमा पाता इसलिए मेरा मालिक मुझ से नाराज रहने लगा. मुझे इस का कोई दुख नहीं हुआ, अगर मैं अपने दुश्मनों को पकड़ पाने में कामयाब रहता हूं.

पर वे बड़े चालाक थे. उन्होंने समझ लिया होगा कि उन का पीछा किया जा सकता है, क्योंकि वे कभी अकेले नहीं जाते और रात के बाद कभी नहीं. दो हफ्तों तक मैं ने उन का पीछा किया और एक बार भी मैं ने उन को अलग होते नहीं देखा. ड्रेबर खुद आधा समय नशे में रहता था, पर स्टेंजरसन को कभी असावधान नहीं देखा.

उन को देर रात में भी देखा और सवेरे भी. कभी मौके का साया भी नहीं दिखा, पर मैं निराश नहीं हुआ क्योंकि मेरा मन कह रहा था कि समय आ गया है. मेरा एक ही डर था कि मेरी छाती का यह रोग कहीं कुछ ज्यादा जल्दी न फट जाए और मेरा काम अधूरा न रह जाए.

आखिर में एक शाम मैं टॉरके रोड में इधर से उधर ड्राइव कर रहा था, जो उस सड़क का नाम था जिस में वे ठहरे थे, तभी मैं ने उस के दरवाजे पर एक कैब को रुकते देखा, फिर कुछ सामान बाहर लाया गया और थोड़ी देर में ड्रेबर और स्टेंजरसन भी बाहर आए और कैब में बैठ कर चले गए. मैं ने अपने घोड़े को दौड़ाया और उन पर नजर बनाए रखी और मुझे काफी घबराहट हो रही थी क्योंकि मैं समझ रहा था कि वे अपना ठिकाना बदलने वाले हैं. यूस्टन स्टेशन पहुंच कर वे बाहर निकले और मैं एक लड़के को अपना घोड़ा सौंप कर उस के प्लेटफॉर्म तक गया. मैं ने उन्हें लिवरपूल की ट्रेन के बारे में पूछते सुना और गार्ड ने जवाब दिया कि एक अभीअभी गई है और दूसरी आने में कई घंटे बाकी हैं. स्टेंजरसन इस बात से परेशान लगा, पर ड्रेबर खुश था. भीड़भाड़ में मैं उन के इतना करीब पहुंच गया कि मैं एकएक शब्द सुन सकता था, जो वे एक दूसरे से कह रहे थे. ड्रेबर ने कहा कि उस को कुछ काम है और अगर दूसरा उस का इंतजार करेगा, तो वह कुछ देर बाद उस को यहीं पर मिलेगा.

उस के मित्र ने उस से बहस की कि उन लोगों नेठाना था कि एक साथ रहेंगे. ड्रेबर ने जवाब दिया कि मामला कुछ नाजुक है और उस को अकेले ही जाना होगा. मैं यह नहीं सुन पाया कि स्टेंजरसन ने उस से क्या कहा, पर ड्रेबर तुरंत कसमें खाने लगा कि स्टेंजरसन उस का नौकर भर है और उस पर हुक्म न चलाए. इस पर सेक्रेटरी ने बात वहीं खत्म कर दी और यह शर्त रखी कि यदि आखिरी ट्रेन उस से छूट जाती है, तो वह उसे हैलीडे के प्राइवेट होटल में मिलेगा, जिस पर ड्रेबर ने जवाब दिया कि वह ग्यारह बजे से पहले प्लेटफार्म पर आ जाएगा और फिर वह स्टेशन के बाहर चला गया.

जिस क्षण का मुझे इंतजार था, वह आखिर आ ही गया था. मेरे दुश्मन मेरे कब्जे में थे. साथ रह कर वे एक दूसरे को बचा सकते थे, पर अकेले वे मेरे रहम पर थे. फिर भी मैं ने ज्यादा हड़बड़ी से काम नहीं किया. मेरी योजना बन चुकी थी. इंतकाम लेने में तब तक मजा नहीं आता, जब तक सजा पा रहे व्यक्ति को समझ में नहीं आ जाता कि उस पर हमला करने वाला कौन है और उस को किस बात की सजा मिल रही है. मैं ने अपनी योजना ऐसे बनाई थी कि मुझे उस आदमी को, जिस ने मेरे खिलाफ अपराध किया था, यह जानने का मौका मिल जाए कि उस के अपराध ने आखिर उसे धरपकड़ा था.

ऐसा हुआ कि कुछ दिन पहले एक सज्जन ने जिन पर ब्रिक्सटन रोड के कुछ घरों की निगरानी करने की जिम्मेदारी थी, एक घर की चाबी मेरी गाड़ी में गिरा दीथी. उसी शाम वह उसे वापस ले गया पर इस दौरान मैं ने उस चाबी की एक दूसरी चाबी और बना ली थी. इस से मैं इस बड़े शहर में कम से कम एक अड्डे में तो आ जा सकता था, जहां मुझे कोई रोकटोक नहीं पाता. ड्रेबर को उस घर तक ले कैसे जाऊं, यही कठिन समस्या मुझे अब सुलझानी थी.

वह सड़क पर चलते हुए एक दो शराब की दुकानों पर गया और आखिरी वाली दुकान में उस ने कम से कम आधा घंटा बिताया. जब वह वापस आया उस की चाल में लड़खड़ाहट थी और साफ था कि वह नशे में धुत है. मेरे ठीक सामने एक हैनसन थी और उस ने उसे बुलाया. मैं ने उस का इतने करीब से पीछा किया कि मेरे घोड़े की नाक हैनसन से आधा मीटर की दूरी पर रही. हम वॉटरलू पुल से होते हुए काफी दूर सड़कों पर चलते रहे और फिर आश्चर्यजनक रूप से हम वापस उसी जगह आ पहुंचे, जहां से हम चले थे. मैं सोच नहीं पा रहा था कि यहां पर वापस आने का उस का क्या मकसद है, पर मैं चलता रहा और करीब सौ मीटर की दूरी पर रुक गया. वह अंदर गया और हैनसन चली गई. “मुझे एक गिलास पानी दीजिए, यदि दे सकें तो. मेरा मुंह सूख रहा है बोलतेबोलते.”

मैं ने गिलास पकड़ाया और वह गटगट कर के पी गया.

“अब बेहतर है,” वह बोला- खैर मैं पंद्रह मिनट से ज्यादा समय तक इंतजार करता रहा कि अंदर ऐसा शोरमचा मानो घर के भीतर लोगों में झगड़ा हो रहा हो. अगले क्षण दरवाजा भड़ाक से खुला और दो आदमी प्रकट हुए, एक ड्रेबर और दूसरा युवक जिसे मैं ने पहले नहीं देखा था.
इस युवक ने ड्रेबर की कॉलर पकड़ रखी थी और जब वे सीढ़ियों पर आए, उस ने उसे लात मारी और धक्का दिया, जिस से वह सड़क के उस पार जा गिरा. कुत्ते! अपनी छड़ी हिलाते उस की ओर हिलाते हुए वह चिल्लाया; “मैं तुम्हें बताता हूं कि एक भोली लड़की की बेइज्जती कैसे की जाती है!” वह गुस्से से इतना बौखलाया हुआ था कि मुझे लगा कि वह ड्रेबर को अपने डंडे से कुचल डालता, पर वह कुत्ता अपनी पूरी ताकत से भाग निकला. भागतेभागते नुक्कड़ पर उस ने मेरी कैब खड़ी देखी और वह उस में बैठ गया. “हैलीडे प्राइवेट होटल में मुझे ले चलो!” वह बोला.

जब वह मेरी कैब में ठीक से बैठ चुका, मेरा दिल खुशी से इतना उछला कि मुझे डर लगा कि कहीं इस आखिरी समय पर मेरी बीमारी बढ़ न जाए. मैं धीरेधीरे चलता रहा, यह सोचता हुआ कि कौन सा तरीका सब से अच्छा होगा. मैं उसे इस शहर से एकदम बाहर ले जाऊंगा और वहां किसी सुनसान जगह पर इस से अपने दिल की बात कहूंगा. मैं लगभग निश्चय कर चुका था कि ऐसा ही करूंगा कि उस ने मेरी समस्या हल कर दी. नशे की ललक उस पर फिर से हावी हो चुकी थी और उस ने मुझ से किसी शराब की दुकान पर रुकने के लिए कहा. वह अंदर गया, यह कह कर कि मैं उस का इंतजार करूं.

वहां वह दुकान बंद होने तक रहा और जब वह बाहर आया, वह इतना धुत हो चुका था कि मैं समझ गया कि खेल अब मेरे हाथ में है.

यह मत सोचना कि मैं उस को क्रूरता से मारना चाहता था. ऐसा करना हालांकि न्यायसंगत होता, पर मैं इस के लिए खुद को तैयार नहीं कर पाया. मैं ने बहुत पहले निश्चय कर लिया था कि उस को अपना बचाव करने का मौका जरूर दूंगा. अगर वह इस का फायदा उठा सके. जब मैं अमरीका में भटकता फिर रहा था, मैं ने तरहतरह के काम किए थे, जिन में एक था- यॉर्क कालेज की प्रयोगशाला के जमादार के रूप में काम करना.

एक दिन प्रोफेसर जहरों के बारे में लेक्चर दे रहे थे और उन्होंने अपने छात्रों को एल्कालॉयड दिखाए. जो उन्होंने दक्षिणी अमरीका के किसी जहर बुझे तीर से प्राप्त किया था और जो इतना तेज था कि छोटी सी छोटी बूंद का मतलब था तुरंत मौत. मैं ने वह शीशी देख ली जिस में यह जहर था और जब सब चले गए, मैं ने इस में से थोड़ा सा जहर चुरा लिया. इस जहर को मैं ने छोटीछोटी गोलियों में बांटा और एकएक गोली को डिबिया में बंद किया, एक ऐसी गोली के साथ जिस में जहर नहीं मिला था.
उस समय मैं ने निश्चय किया कि जब मुझे मौका मिलेगा, मेरे मुजरिम को एक डिबिया से एक गोली चुनने का मौका दूंगा, जबकि दूसरी गोली मैं खुद खाऊंगा. यह उतना ही जानलेवा होगा, पर बंदूककी गोली से कम आवाज करेगा. उस दिन से मैं गोलियों की डिबिया हमेशा अपने पास रखने लगा था. अब समय आ गया था कि मैं उन का इस्तेमाल करूं.

रात के करीब एक बजे थे. बड़ी तूफानी रात थी- तेज हवाओं और घनघोर बरसात वाली. बाहर जितनी उदासी थी, मेरे मन में उतनी ही खुशी थी, इतनी खुशी कि मैं खुशी के मारे चिल्ला सकता था. अगर तुम में से किसी ने कभी दिल से कुछ चाहा हो और बीस साल तक उसे पाने की इच्छा की हो और फिर उस को अचानक अपनी मुट्ठी में पाया हो, तो तुम मेरी भावना को समझोगे.
मैं ने सिगार सुलगाई और अपने को शांत करने के लिए कश खींचे, पर खुशी के मारे मेरे हाथ कांप रहे थे और मेरी कनपटी फड़क रही थी. गाड़ी चलाते समय मैं बूढ़े जॉन फेरियर और प्यारी लूसी को अंधेरे में से अपनी ओर मुसकराते देख पा रहा था. उतने ही साफ तौर पर, जैसे मैं इस कमरे में आप सब को देख रहा हूं. सारे रास्ते वे मेरे आगे थे. दोनों घोड़े के एकएक तरफ, जब मैं ने ब्रिक्सटन रोड पर गाड़ी रोकी.

“वहां पर एक भी आदमी नहीं था, न कोई आवाज सुनाई दे रही थी, टपकती हुई बारिश के अलावा. जब मैं ने खिड़की से अंदर देखा, तो मैं ने पाया कि ड्रेबर नशे में बेसुध सो रहा है. मैं ने उस की बांह पकड़ कर झंझोड़ा, बाहर निकलने का वक्त हो गया है,” मैं ने कहा.

“ठीक है, केबी,” वह बोला.

मैं सोचता हूं कि उसे लग रहा था कि हम उस केबताए होटल पर पहुंच चुके हैं, फिर वह बिना एक भी शब्द बोले बाहर निकला और बगीचे से होते हुए मेरे पीछेपीछे चलने लगा. मुझे उस के साथ ही रहना पड़ा कि वह गिर न पड़े, क्योंकि वह काफी नशे में था. जब हम दरवाजे पर आए, मैं ने उसे खोला और आगे वाले कमरे तक ले आया. मैं कसम खाता हूं कि सारे रास्ते पिता और बेटी हमारे आगे चल रहे थे.

“यहां तो नरक जैसा अंधेरा है,” इधरउधर पैर पटकता वह बोला.

“अभी रोशनी हो जाएगी,” मैं ने माचिस सुलगा कर मोमबत्ती जलाते हुए कहा जो मैं अपने साथ लाया था. “अब एनोक ड्रेबर,” उस की ओर मुड़ कर रोशनी अपने चेहरे पर लाते हुए मैं ने कहा, “मैं कौन हूं?”

क्षणभर को उस ने अस्पष्ट, नशे से भरी आंखों से मुझे देखा और फिर मैं ने उस की आंखों में खौफ छलकता देखा, जिस से उस का चेहरा विद्रूप हो गया. मैं समझ गया कि वह मुझे पहचान गया है. स्याह चेहरा लिए वह पीछे की ओर लड़खड़ाया और मैं ने उस के माथे पर पसीना छलकते देखा. उस के दांत किटकिटा रहे थे. यह देख कर मैं ने अपनी पीठ दरवाजे से सटा ली और जोरों से देर तक हंसता रहा. मैं ने हमेशा जाना था कि मेरा इंतकाम मीठा होगा, पर मुझे इतनी संतुष्टि मिलने की उम्मीद नहीं थी, जो इस वक्त मैं महसूस कर रहा था.

“कुत्ते!” मैं ने कहा, “मैं ने साल्ट लेक सिटी से सेंटपीटर्सबर्ग तक तुम्हारा पीछा किया है और तुम हमेशा बच निकले हो. अब तुम्हारे घूमने का अंत हो गया है, क्योंकि या तो तुम या फिर मैं कल के सूरज को उगता नहीं देख सकेंगे.” वह मुझ से और भी दूर चला गया और मैं उस के चेहरे पर देख रहा था जो यह था कि वह सोच रहा था कि मैं पागल हूं. जो मैं उस वक्त था. मेरी कनपटी पर हथौड़े से बज रहे थे और मैं सोचता हूं कि मुझे दौरा पड़ गया होता अगर मेरे नाक से खून की नकसीर नहीं छूटी होती, जिस से मुझे आराम मिला.

“लूसी फेरियर के बारे में अब क्या खयाल है?” दरवाजे पर ताला लगा कर चाबी उस के नाक के नीचे हिलाते हुए मैं ने पूछा. “सजा ने आने में देर जरूर की है, पर वह तुम तक पहुंच ही गई.” मैं ने उस के डरपोक होंठों को कांपते हुए देखा. वह जरूर अपनी जिंदगी की भीख मांगता पर वह अच्छी तरह जानता था कि ऐसा करना बेकार है.

“क्या तुम मुझे मार डालोगे?” वह हकलाया. “हत्या तो नहीं होगी,” मैं ने जवाब दिया. “पागल कुत्ते की हत्या करने की किस को सूझती है? तुम ने मेरी प्रेमिका पर कौन सा रहम बरसाया था जब तुम ने उसे उस के कत्ल किए बाप से अलग किया था और अपने शर्मनाक हरम में खींच ले गए थे.”

“उस के पिता का खून मैं ने नहीं किया था.” वह रोया. “पर उस के मासूम दिल को तो तुम्हीं ने तोड़ा था,” अपनी डिबिया उस के सामने करता मैं चीखा. “हमारेबीच अब भगवान को न्याय करने दो. चुनो और खा लो. एक में मौत है, और दूसरी का मतलब है जीवन. मैं वह लूंगा जो तुम छोड़ दोगे. अब देखते हैं कि इस जमीन में न्याय है या नहीं.”

जोर से चिल्लाता हुआ और रहम की भीख मांगता हुआ वह पीछे हटने लगा पर मैं ने अपना चाकू निकाल कर उस के गले पर रख दिया, जब तक उस ने मेरा कहना मान नहीं लिया. फिर दूसरी गोली मैं ने सटक ली और हम एक दूसरे को खड़े चुपचाप देखते रहे, एक मिनट से ज्यादा समय तक, इस इंतजार में कि देख सके कि कौन जिएगा और कौन मरेगा. क्या मैं उस के उस भाव को कभी भूल पाऊंगा जो उस के चेहरे पर उस वक्त आया, जब उसे पहली बार एक एहसास हुआ कि जहर उस के शरीर में फैल रहा है.

उसे देख कर मैं हंसा और लूसी की शादी की अंगूठी उस की आंखों के सामने रखी. वह भी मैं एक क्षण को ही रख पाया क्योंकि एल्कालायड का असर तेजी से होता है. दर्द की लहर से उस का चेहरा बिगड़ गया. उस ने अपने हाथ आगे की ओर बढ़ाए, लड़खड़ाया और भर्राए गले से चीखता हुआ जमीन पर गिर गया. मैं ने पैर से उस को सीधा किया और अपना हाथ उस के सीने पर रखा. वहां कोई हलचल नहीं थी. वह मर गया था!

मेरी नाक से खून बह रहा था, पर मैं ने उस पर ध्यान नहीं दिया. मुझे मालूम नहीं कि मुझे क्या सूझा कि मैं ने दीवार पर उस खून से लिख दिया. शायद कोईखुराफाती खयाल था पुलिस को गलत सुराग पर भेजने का. क्योंकि उस के बाद मेरा दिल हलका हो गया. मुझे एक जर्मन की याद आई जिस के मृत शरीर पर ‘रेशे’ लिखा हुआ था और उस समय अखबारों में बहस छिड़ी थी कि किसी गुप्त संस्था ने यह काम किया होगा. मैं ने सोचा कि जिस बात ने न्यूयॉर्क के लोगों को असमंजस में डाला था, वही बात लंदन वालों को भी दुविधा में डालेगी, इसलिए मैं ने अपने ही खून में उंगली डुबोई और दीवार पर लिख दिया.

फिर मैं अपनी कैब तक गया और देखा कि वहां कोई नहीं है और रात अभी बहुत तूफानी थी. मैं ने कुछ दूर तक कैब चलाई. सहसा मैं ने उस जेब में हाथ डाला जिस में मैं लूसी की अंगूठी रखता था और देखा कि वह उस में नहीं है. मेरे ऊपर मानो गाज गिर गई, क्योंकि मेरे पास उस की सिर्फ यही निशानी थी. यह सोच कर कि जब मैं ड्रेबर के शरीर पर झुका, तब यह फिसल गई होगी, मैं वापस गया और एक गली में कैब खड़ी की. मैं सीना तान कर अंदर गया, क्योंकि अंगूठी पाने के लिए मैं कुछ भी कर सकता था. जब मैं वहां पहुंचा तो मैं सीधा एक पुलिस अफसर से जा टकराया जो बाहर खड़ा था. जैसेतैसे मैं वहां से नशे में धुत होने का नाटक कर के ही निकल सका.

इस तरह एनोक ड्रेबर को मौत मिली. उस के बाद मुझे सिर्फ इतना करना था कि स्टेंजरसन के साथ भी यही करूं और इस तरह जॉन फेरियर का कर्ज उतारूं.

मैं जानता था कि वह हैलीडे प्राइवेट होटल में रुका है. मैं सारा दिन वहीं मंडराता रहा, पर वह बाहर नहीं निकला. मुझे लगता है कि ड्रेबर जब नहीं लौटा, तो उसे शक हो गया था. स्टेंजरसन चालाक था और हमेशा सतर्क! अगर उस ने सोचा कि अंदर रह कर मुझे धोखे में रख सकता था, तो वह गलत था. मैं ने जल्दी ही पता लगा लिया कि उस के बेडरूम की कौन सी खिड़की है और अगले दिन बहुत सवेरे मैं ने वहां रखी सीढ़ी का फायदा उठाया. तड़के के धुंधलके में उस के कमरे में पहुंच गया.

मैं ने उसे जगाया और उसे बताया कि उस का समय आ गया है, जब उसे उस जिंदगी का जवाब देना होगा जो उस ने बहुत पहले खत्म कर दी थी. मैं ने उस को ड्रेबर की मौत का पूरा किस्सा सुनाया. फिर मैं ने उस से जहरीली गोलियों में से एक गोली चुनने के लिए कहा. मेरी बात मानने की बजाए, जिस में शायद वह बच भी जाता, वह बिस्तर से लपका और मेरे गले पर झपटा. अपनी रक्षा में मैं ने उस के सीने में छुरा भोंक दिया. वैसे भी उसे मारना ही था, क्योंकि किस्मत कभी भी उस के पापी हाथों में जहरीली गोली के सिवा और कुछ नहीं आने देती.

मेरे पास कहने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है, क्योंकि अब मैं करीबकरीब खत्म हो चुका हूं. एक दो दिनों तक मैं कैब चलाता रहा ताकि इतना बचा लूं कि वापस अमरीका जा सकूं. मैं वहीं पर खड़ा था कि एक गंदे से युवक ने मुझ से पूछा कि क्या वह जेफरसन होप नामका कैबी है और यह कि 221 बी, बेकर स्ट्रीट में एक सज्जन को उस के कैब की जरूरत है. मैं गया और मुझे किसी नुकसान का डर नहीं था. अगले ही पल इस युवक ने मेरी कलाई में हथकड़ियां पहना दी थीं- इतनी सफाई से कि मैं ने पहले कभी नहीं देखी थी. यह मेरी पूरी कहानी है. आप लोग मुझे हत्यारा मान सकते हैं, पर मैं मानता हूं कि मैं उतना ही बड़ा कानून का अफसर हूं जितने आप लोग.

इस आदमी की दास्तान इतनी रोमांचकारी थी और उस का तरीका इतना दिलचस्प कि हम सब चुपचाप बैठ उस की कहानी में डूबे रहे. वे जासूस भी, जो पेशेवर थे और अपराध देखने के इतने आदी, वे भी इस आदमी की कहानी में खो गए थे. जब उस ने अपनी बात खत्म की, हम सब कुछ देर के लिए बुत बने बैठे रहे और आसपास की खामोशी सिर्फ लेस्ट्रेड की पेंसिल की आवाज से टूट रही थी, जब वह शार्टहैंड में सारी बात लिख रहा था.

“एक ही पहलू है जिस पर मुझे थोड़ी और जानकारी चाहिए,” आखिर में शरलॉक होम्स ने कहा, तुम्हारी मदद करने वाला वह कौन था, जो वह अंगूठी लेने आया था, जिस का हम ने इश्तिहार दिया था?”

कैदी ने मजाक में मेरे मित्र को देख कर आंख मारी, “मैं अपने सारे रहस्य बता सकता हूं.” वह बोला, “पर मैं दूसरों को जोखिम में नहीं डालता. मैं ने आप का इश्तिहार देखा और मैं ने सोचा कि आप की या तो यह चाल है या फिर वही अंगूठी है जो मैं चाह रहा था. मेरेदोस्त ने वहां जा कर देखने की बात मान ली. मैं सोचता हूं कि आप को मानना ही पड़ेगा कि उस ने बड़ी होशियारी से काम किया.”

“इस में कोई शक नहीं.” होम्स ने दिल खोल कर कहा.

“अब, सज्जनो,” इंस्पेक्टर ने गंभीरता से कहा. “कानून के नियमों का पालन करना होगा. गुरुवार को कैदी को मजिस्ट्रेट के सामने लाना होगा और आप की हाजिरी जरूरी है, तब तक मैं इस का जिम्मेदार हूं.” बोलते हुए उस ने घंटी बजाई और जेफरसन होप को दो वार्डर ले गए. मैं और मेरा दोस्त पुलिस स्टेशन के बाहर आए और कैब पकड़ कर बेकर स्ट्रीट लौट गए.

हम सब को आगाह किया गया था कि गुरुवार को मजिस्ट्रेट के आगे हाजिर हों. पर गुरुवार आने पर हमारी गवाही की कोई जरूरत नहीं रही. एक सीनियर जज ने मामला अपने हाथ में ले लिया था. जेफरसेन होप को एक ट्रिब्यूनल के सामने पेश होना था, जहां उसे कड़ी सजा सुनाई जानी थी. कैद होने वाली रात ही उस के दिल की धमनी फट गई और सवेरे वह अपने सेल की फर्श पर पड़ा मिला. उस के चेहरे पर हलकी सी मुसकराहट थी, मानो वह अपने आखिरी लम्हों में अपनी बिताई जिंदगी से खुश हो.

“ग्रेगसन और लेस्ट्रेड उस की मौत से बौखला जाएंगे,” होम्स ने टिप्पणी की, जब हम ने अगली शाम बात की. “अब उन के पास हांकने के लिए क्या रह जाएगा?”

“इस मामले में उन्होंने किया ही क्या था?” मैं ने जवाब दिया.

“इस दुनिया में तुम क्या करते हो, यह बात कोई मायने नहीं रखती,” मेरे दोस्त ने कड़वाहट से कहा. “सवाल यह है कि तुम दूसरों को क्या भरोसा दिला सकते हो कि तुम ने क्या किया है. खैर कोई बात नहीं,” वह थोड़ा रुक कर बोला. “इस खोजबीन को मैं अपने हाथ से गंवाना नहीं चाह रहा था. मेरी याद में इस से बेहतर केस आज तक नहीं आया है. हालांकि बहुत सादा था, पर फिर भी इस से कई बातें सीखी जा सकती हैं.”

“सादा,” मैं बोल पड़ा.

“असल में इस को और कुछ नहीं कहा जा सकता,” मेरे ताज्जुब पर मुसकराते हुए शरलॉक होम्स ने कहा. “इस के बेहद सादा होने का सबूत यह है कि बगैर किसी मदद के और कुछ मामूली बातों से ही मैं तीन दिनों में ही गुनाहगार तक पहुंच गया.”

“यह बात तो ठीक है,” मैं ने कहा.

“मैं ने तुम्हें पहले ही समझाया है कि जो बात आम नहीं होती, ज्यादातर रोड़ा होने की बजाए रास्ता बता देती है. इस तरह की मुश्किल सुलझाने में, अहम बात होती है कि उलटा तर्क शुरू करो. यह बहुत फायदेमंद कला है और बड़ा ही आसान, पर लोग इस पर अमल नहीं करते. रोजमर्रा की जिंदगी में ज्यादा फायदा होता है कि तर्क पहली सीढ़ी से शुरू किया जाए और इसलिए आखिरी सीढ़ी से शुरू होने वाले तर्क श्रृंखला की अवहेलना होती रहती है-”

“मैं मानता हूं,” मैं ने कहा, “मुझे तुम्हारी बात समझ में नहीं आई.”

“मुझे उम्मीद भी नहीं थी कि तुम समझ पाओगे, मुझे देखने दो कि मैं इसे साफ कैसे कर सकता हूं. अधिकतर लोग, अगर आप उन को घटनाक्रम बताएं, तो बता सकेंगे कि उस का नतीजा क्या निकला. वे उस घटनाक्रम को एक साथ मन में जोड़ कर उन से उस नतीजे पर पहुंच सकते हैं कि अंत में क्या हुआ होगा. पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन को नतीजा बताने परअपने अंदर की जागरूकता से यह समझ सकते हैं कि उस नतीजे पर पहुंचाने वाली पायदाने क्या थीं. यही ताकत है जिस को मैं समझना चाहता हूं, जब मैं तर्क की उलटी गिनती की बात करता हूं.”

“मैं समझ रहा हूं.” मैं ने कहा.

अब यह ऐसा केस है, जिस में नतीजा बता दिया गया था और बाकी सब कुछ आप को ढूंढ़ना था. अब मैं कोशिश करता हूं कि मैं अपने तर्क के अलगअलग कदम तुम को दिखा सकूं. सब से पहले मैं पैदल ही उस घर तक गया और मेरे दिमाग में पहले से कोई छाप नहीं थी. मैं ने सब से पहले सड़क का मुआयना किया और वहां, जैसा मैं पहले ही समझा चुका हूं, मैं ने साफतौर पर कैब के निशान देखे, जो, मैं ने निरीक्षण करने पर पाया, वहां पर रात में रहे होंगे. मैं ने यह तसल्ली कर ली कि वह कैब ही थी-कोई निजी वाहन नहीं, क्योंकि उस के पहियों के बीच का अंतर संकरा था. लंदन का साधारण कैब किसी भद्र पुरुष की गाड़ी से कम चौड़ी होती है.

सब से पहले तो मुझे यह मुद्दा मिला. फिर मैं धीरेधीरे बगीचे की पगडंडी पर गया, जो मिट्टी की थी और इसलिए कोई भी छाप लेने के काबिल. इस में कोई शक नहीं कि तुम को कीचड़ और मिट्टी नजर आई थी, पर मेरी अनुभवी आंखों के लिए उस की सतह पर पड़े हर निशान का कोई मतलब था. जासूसी विज्ञान की कोई भी शाखा न इतनी जरूरी है न इतनी उपेक्षित, जितनी कदमों को परखने की कला. मैं ने हमेशा इस पर काफीजोर दिया था और इस पर अभ्यास करतेकरते मेरे लिए यह मेरे स्वभाव में शामिल हो गया था.

मैं ने कांस्टेबिल के भारी भरकम कदम देखे, पर मैं ने उन दोनों आदमियों के पैरों के भी निशान देखे, जो सब से पहले बगीचे में से गुजरे थे. यह बताना आसान था कि वे ही सब से पहले आए थे क्योंकि कहींकहीं उस के पैरों के निशानों के ऊपर दूसरे निशान आ गए थे. इस तरह मेरा दूसरा सुराग मिला, जिस से मैं ने जाना कि रात में दो मेहमान, एक काफी लंबा (यह अनुमान मैं ने उस के कदमों की दूरी नाप कर लगाया) और दूसरा, उस ने बड़े फैशनपरस्त कपड़े पहने थे-यह अनुमान मैं ने उस के बूटों की छाप से लगाया.

घर में घुसने पर मेरे इस आखिरी अनुमान को सबूत भी मिल गया. मेरा फैशनपरस्त व्यक्ति मेरे सामने पड़ा था. इस का मतलब था कि लंबे वाले ने हत्या की थी, अगर यह हत्या थी. मृत आदमी के शरीर पर कोई जख्म नहीं था, पर उस के चेहरे पर घबराहट के भाव से मैं आश्वस्त हो गया था कि उसे मौत आने से पहले ही उस का अंदेशा हो गया था. जो लोग दिल के रोग से मरते हैं या किसी प्राकृतिक कारण से, कभी भी उस के चेहरे पर घबराहट नहीं दिखती है.

मृत आदमी के होंठ सूंघने पर मुझे हलकी सी खट्टी बू आई और मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि उस को जबरन जहर दिया गया था क्योंकि उस के चेहरे पर नफरत और भय के भाव थे. मैं तर्क करतेकरते इसनतीजे पर पहुंचा था क्योंकि और किसी भी अनुमान से यह तथ्य मेल नहीं खा रहा था. यह मत सोचो कि यह एक ऐसा विचार था, जो पहले कभी सुना नहीं गया था. अपराध जगत में जबरदस्ती जहर पिलाया जाना कोई नई बात नहीं है. ओडेसा में डॉल्सकी और मोंटपेलियर में लेटुरियर के मामले हर विष विद्या के जानकार को याद आ जाएंगे.

अब बड़ा सवाल यह उठा कि इस का कारण क्या था. इस हत्या का इरादा लूटपाट करना नहीं था, क्योंकि कुछ भी नहीं लिया गया था. फिर क्या यह राजनैतिक था या फिर किसी औरत से संबंधित? यह सवाल मेरे सामने उठ रहा था. मैं शुरू से ही दूसरे वाले अनुमान को सही मान रहा था. राजनैतिक हमलावर अपना काम कर के भाग जाते हैं. इस के विपरीत यह हत्या जानबूझ कर की गई थी और हत्यारे ने अपने सुराग पूरे कमरे में छोड़ रखे थे, यह दिखाते हुए कि वह सारा समय इस कमरे में रहा होगा. यह कोई निजी अन्याय रहा होगा, राजनैतिक नहीं, तभी इतना सोचासमझा इंतकाम लिया गया.

जब दीवार पर लिखावट पाई गई, तो मेरा यह यकीन और भी पक्का हो गया. जाहिर था, यह बात जानबूझ कर पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए लिखी गई थी. जब अंगूठी पाई गई, तो जवाब तय हो गया. साफ था कि हत्यारे ने अपने शिकार को वह अंगूठी किसी मृत या गैरहाजिर औरत की याद दिलाने के लिए दिखाई होगी. इस मोड़ पर मैं ने ग्रेगसन से पूछा कि क्या उस नेक्लीवलैंड में भेजे तार में यह पूछा था कि मिस्टर ड्रेबर का पहला पेशा क्या था. तुम को याद होगा कि उस ने इस का नकारात्मक जवाब दिया था.

उस के बाद मैं ने कमरे की गौर से जांच की, जिस से मेरे इस अनुमान को सबूत मिला कि हत्यारे का कद ऊंचा था और दूसरी जानकारियां भी मिलीं, जैसे ट्रिशनोपोली सिगार और नाखूनों की लंबाई. मैं पहले ही इस निष्कर्ष पर पहुंच चुका था क्योंकि संघर्ष का कोई निशान नहीं था. इस का यही मतलब था कि जमीन पर पड़ा खून हत्यारे की नाक से उत्तेजना के मारे बहा होगा. मैं ने देखा था कि खून की धार उस पैरों के निशान के साथसाथ फैल रही थी. बहुत कम ऐसा होता है कि किसी आदमी की उत्तेजना में इस तरह नकसीर फूट पड़ती हो. जब तक वह हृष्टपुष्ट न हो, इसलिए मैं ने यूं ही अंदाज लगाया कि अपराधी हट्टाकट्टा और लाल चेहरे वाला था, घटनाओं ने दिखा दिया कि मैं ने सही परखा था.

घर छोड़ने पर मैं वह करने गया जो ग्रेगसन ने अनदेखा किया था. मैं ने क्लीवलैंड के पुलिस प्रमुख को तार भेज कर सिर्फ इतना ही पूछने की कोशिश की कि एनोक ड्रेबर की शादी से जुड़ा घटनाक्रम क्या था. उस से मुझे पता चला कि ड्रेबर ने कानून से अपनी रक्षा की गुहार की थी कि उस की मोहब्बत को एक पुराने प्रतिद्वंदी से बचाया जाए जिस का नाम जेफरसन होप है और यह होप इस समय यूरोप में है. मैं जान चुका थाकि रहस्य का सुराग अब मेरी मुट्ठी में है और अब सिर्फ हत्यारे को पकड़ना भर रह गया है.

मैं अपने मन में फैसला कर चुका था कि ड्रेबर के साथ जो शख्स घर में घुसा, वह वही था जो कैब चला कर आया था. सड़क पर पड़े निशानों से मैं ने समझ लिया कि घोड़े ऐसे चल रहे हैं मानो उन को हांकने वाला कोई नहीं था तो फिर गाड़ीवान कहां हो सकता था, सिवाय घर के अंदर होने के. फिर यह सोचना भी पागलपन था कि कोई आदमी अपराध करेगा, जो शर्तिया उस की पोल खोल देगा. अंत में, मान लो कि कोई आदमी लंदन में किसी का पीछा करना चाहे, तो कैब ड्राइवर बन जाने से अच्छा वह और कौन सा रास्ता अपना सकता था? इन सभी विचारों पर सोचने के बाद मैं इस निर्णय पर पहुंचा कि जेफरसेन होप इस शहर के गाड़ीवानों में पाया जा सकता है.

अगर अब तक वह कैब ड्राइवर था, तो कोई कारण नहीं कि उस ने अब अपनी यह नौकरी छोड़ दी होगी. इस के विपरीत, उस के नजरिए से देखें तो अचानक अपनी नौकरी छोड़ना अपनी ओर लोगों का ध्यान खींचना होता है. कुछ समय के लिए ही सही, वह अपनी यही नौकरी करता रहेगा. यह मानने का भी कोई कारण नहीं था कि उस ने अपना नाम बदल लिया होगा. वह उस देश में अपना नाम क्यों बदलेगा, जहां कोई उस का असली नाम नहीं जानता था? इसलिए मैं ने अपनी स्ट्रीट अरब जासूसी सेना तैयार की और उन को सिलसिलेवारलंदन की हर कैब कंपनी के मालिक के पास भेजा, जब तक उन्होंने उस आदमी को ढूंढ़ नहीं निकाला जिस की हमें जरूरत थी.

उन को इस में कितनी सफलता मिली और मैं ने कितनी जल्दी इस का फायदा उठाया, अभी तुम लोगों की यादों में ताजा है. स्टेंजरसन की हत्या बिलकुल ही अप्रत्याशित घटना थी, पर जिस को रोका नहीं जा सकता था. उस के जरिए, जैसा तुम जानते ही हो, मुझे वे गोलियां मिलीं, जिन के बारे में मैं ने अंदाज लगा लिया था. यह पूरा मामला एक के बाद लगाए गए तर्कों की कड़ी से सुलझा है, किसी भी गलती या चूक के बगैर.

यह अद्भुत है!” मैं बोल पड़ा. “तुम्हारे गुणों को सार्वजनिक तौर पर मान्यता देनी चाहिए, तुम को इस मामले का ब्योरा छपवाना चाहिए. अगर तुम ऐसा नहीं करते, तो मैं करूंगा.”

“तुम जो करना चाहो, करो, डाक्टर,” वह बोला. “यहां देखो!” वह आगे मुझे एक कागज थमाते हुए बोला, “इस को देखा!”

वह उस दिन का ‘एको’ था और उस ने जहां इशारा किया, वह इस मामले को अर्पित था.

उस में लिखा था, “होप नाम के शख्स की आकस्मिक मौत से जो मिस्टर एनोक ड्रेबर और मिस्टर स्टेंजरसन की हत्या का आरोपी था, जनता ने एक सनसनीखेज, चटपटी खबर का लुत्फ खो दिया है. इस मामले का पूरा ब्योरा शायद अब कभी भी मालूम नहींपड़ सकता. हालांकि विश्वस्त सूत्रों से हमें पता चला है कि यह अपराध एक पुरानी रोमांटिक रंजिश की वजह से हुआ जिस में मोहब्बत और मॉरमॉन परंपरा का हाथ था. ऐसा लगता है कि दोनों मारे गए शख्स अपने युवा दिनों में लैटर डे सेंट्स के साथ थे और मृत कैदी होप भी सॉल्ट लेक सिटी में रहता था. अगर केस का और कोई असर नहीं होता, तो भी कम से कम यह हमारी जासूसी पुलिस की काबिलीयत को उजागर करता है और सभी विदेशियों को सबक देता है कि बेहतर होगा कि वे अपनी रंजिशें अपने घरों में ही निपटाएं और उन्हें ब्रिटेन की जमीन तक न लाएं.

“यह एक खुला राज है कि इस कैद का श्रेय पूरी तरह से स्कॉटलैंड यार्ड के मशहूर अफसरों, मिस्टर लेस्ट्रेड और मिस्टर ग्रेगसन को जाता है. ऐसा लगता है कि यह आदमी कोई मिस्टर शरलॉक होम्स के कमरे में गिरफ्तार किया गया था, जो खुद ही अभी नौसिखिया है, इस ने जासूसी की दुनिया में थोड़ाबहुत हुनर दिखाया है और जो इतने काबिल दो शिक्षकों के साथ रह कर कुछ समय में उन की थोड़ीबहुत काबिलीयत प्राप्त कर लेगा. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इन दो अफसरों की अच्छी सेवाओं के लिए इन लोगों को प्रमाणपत्र दिए जाएंगे.”

“शुरू करने से पहले ही क्या मैं ने यह बात नहीं बताई थी?” हंसते हुए शरलॉक होम्स ने कहा. “हमारी ‘स्टडी इन स्कारलेट’ या खून का यह नतीजानिकला-प्रमाणपत्र उन को मिलेंगे!”

“कोई बात नहीं,” मैं ने जवाब दिया, “मैं ने पत्रिका में सारे तथ्य लिख दिए हैं और लोगों को सारी बातें मालूम पड़ जाएंगी. इस बीच तुम को यह मान कर खुश होना चाहिए कि तुम्हारी मेहनत रंग लाई.”

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