केशवपुर गांव में अधिकतर लोग खेती करने वाले ही थे। पूरे गांव में सिर्फ दो ही कुएं थे, जिनसे लोगों को पानी मिलता था। कुछ समय बाद गांव का एक कुआं पूरी तरह सूख गया। अब पूरे गांव के लोग पानी की जरूरत के लिए एक ही कुएं पर निर्भर थे।
दूसरे कुएं से पानी भरते-भरते लोगों को लगा कि कुएं में कोई भूत रहता है। जब गांव के किसान कुएं से पानी भरते थे, तो उन्हें अजीब सी आवाजें सुनाई देती थीं। खेती करने वाले पुरुषों की पत्नियां तो डर के मारे कुएं के आसपास भी नहीं आती थीं। धीरे-धीरे पूरे गांव में बात फैल गई कि कुआं भूतिया है। अब रात के समय कोई भी कुएं के पास नहीं जाता था।
इसी बीच गांव का एक बच्चा कहीं खो गया। काफी ढूंढने के बाद भी बच्चा जब नहीं मिला, तो कुछ लोग कुएं के पास बच्चे को देखने के लिए गए। वहां पहुंचे लोगों ने बच्चे को कुएं के अंदर मरा हुआ पाया। अब एक तो कुएं का पानी खराब हो गया और दूसरा बच्चा कैसे मरा इसको लेकर गांव के सभी किसान परेशान हो गए थे।
सबने एक दिन मिलकर नया कुआं खोदने की सोची। कुछ ही दिनों में कुआं सबने खोद लिया और उसमें पानी भी आने लगा। अब पूरे गांव के लोग नए कुएं से ही पानी भरते थे और भूतिया कुएं की तरफ जाना सबने बंद कर दिया था। बड़े लोग तो समझदार थे, इसलिए कुएं के आसपास नहीं जाते थे, लेकिन बच्चे वहां अक्सर खेलने के लिए पहुंच जाते थे।
एक दिन चार-पांच बच्चे भूतिया कुएं के पास खेल रहे थे, तभी एक बच्चा कुएं में गिर गया। उसके चीखने की आवाज सुनकर पूरे गांव वाले दौड़ते हुए भूतिया कुएं के पास पहुंचे। उन्होंने कुएं के अंदर देखा तो बच्चा मरा हुआ दिखा। सबने उस बच्चे के साथ खेल रहे दूसरे बच्चों से पूछा, “आखिर क्या हुआ था?”
बच्चों ने कहा, “वो खेलते-खेलते पानी को देखने गया और अचानक कुएं में गिर पड़ा।”
इस हादसे के बाद गांव वालों ने तुरंत एक तांत्रिक को जाकर कुएं के पास बुलाया। वहां पहुंचकर तांत्रिक ने बहुत सारे मंत्र पढ़े, जिसे सुनकर भूत सबके सामने आ गया। तांत्रिक ने अपनी विद्या का इस्तेमाल करके उस कुएं को छोड़कर जाने के लिए कहा।
भूत ने तांत्रिक की बात को मानने से इनकार कर दिया।
तांत्रिक ने पूछा, “तुम क्यों नहीं जाओगे? यहां आकर बच्चे मर रहे हैं, इसलिए तुम्हें जाना ही होगा।
भूत ने जवाब दिया, “इस कुएं में सालों से मेरा पूरा खानदान रहता आ रहा है। मैं यहां से बिल्कुल नहीं जाऊंगा। इतना कहकर भूत कुएं के अंदर चला गया।”
अब तांत्रिक ने गांव के लोगों से कहा, “इस कुएं के मुंह को ढक दो। ऐसा करने से किसी तरह के हादसे नहीं होंगे।”
ये सुनते ही गांव के मुखिया ने तुरंत काम शुरू करवा दिया। दूसरे दिन कुएं के मुंह पर जाली डालकर पूरी तरह से रेत और सीमेंट से पक्का ढक्कन बना दिया गया और उसे ढक दिया गया। अब सारे गांव वाले खुशी-खुशी रहने लगे। उस दिन के बाद से गांव में ऐसी किसी तरह की घटना नहीं हुई और भूतिया कुएं के डर से लोग मुक्त हो गए।
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