किसी गाँव में रामू नाम का एक हलवाई रहता था, वह बहुत ही मेहनती और ईमानदार व्यक्ति था, उसके हाथ से बनाये मिठाई काफी स्वादिष्ट होते थे, जिस कारण से दूर दूर दे लोग उसे अपने यहा कोई आयोजन होने पर मिठाई बनाने के लिए बुलाते थे,
एकबार की बात है, उसके पास के गाँव के मुखिया के यहा शादी का आयोजन था, जिसमे मिठाई बनाने के लिए रामू को बुलाया गया था, फिर रामू उस गाँव में जाकर मुखिया के यहा मिठाई आदि सब अच्छे से बना देता है, जिसके बाद उस मुखिया ने उसके काम के बदले पैसे और ढेर सारे घर पर खाने के लिए मिठाई दिए,
जिसे रामू एक गठरी बनाकर अपने गाँव को वापस जाने लगा था, जो की उसके गाँव का रास्ता एक जंगल से होकर गुजरता था, जंगल काफी घना था, और शाम भी हो गयी थी, फिर धीरे धीरे रामू उस जंगल के रास्ते से जा रहा था, की अचानक से उसके सामने एक चुड़ैल प्रकट हुई, जिसे देखकर रामू बहुत ही डर गया,
और फिर डर के मारे उस चुड़ैल के सामने रुक गया, फिर इतने में चुड़ैल खूब जोर से हसते हुए बोली “ अच्छा हुआ इन्सान जो तू आ गया, मै कितने दिन से भूखी थी, अब तुम मेरा भोजन बनेगा”
फिर डरते हुए रामू चुड़ैल से बोला “ अगर आप मुझे खा लोगी, तो फिर मै कभी भी वापस अपने गाँव नही जा सकुगा, जिसके कारण लोग इस जंगल में आने से डरने लगेगे, फिर लोग नही आयेगे तो फिर आपको हमेसा भूखा ही रहना पड़ेगा, इसके बदले अगर कुछ और भी खाने को दे तो,”
रामू की यह बात सुनकर बोली फिर और क्या दे सकता है खाने में, जिससे उसकी भूख मिट जाए, तो फिर रामू ने कहा “उसके गठरी में ढेर सारे स्वादिष्ट मिठाई है, अगर उसे खाएगी तो निश्चित ही उसकी भूख मिट जाएगी,
तो रामू की यह बात सुनकर चुड़ैल बोली ठीक है जल्दी से वह मिठाई उसे दे, इसके बाद रामू ने अपने गठरी खोलकर वह सारे मिठाई उस भूखी चुड़ैल को दे दिया, फिर उन स्वादिष्ट मिठाई को खाकर चुड़ैल बोली “तुम्हारे मिठाई बहुत ही स्वादिष्ट है, मुझे बहुत ही अच्छे लगे, इसलिए तुम्हारी जान को छोडती हु, लेकिन एक शर्त मुझे फिर से इन मिठाई को आगे भी खिलाना पड़ेगा”
तो रामू बोला वह बहुत ही गरीब है, इसको बनाने के लिए ढेर सारे पैसे चाहिए, फिर वह इतने सारे पैसे कहा से लेकर आएगा, जिससे वह मिठाई बना सके.
रामू की यह बात सुनकर चुड़ैल बोली रुको मै तुम्हे सोने के सिक्के देती हु, तुम इन्हें बेचकर इन पैसो से मिठाई के समान खरीदकर मिठाई बना लेना,
इसके बाद वह चुड़ैल अपने उस पेड़ के गुफा में गयी और ढेर सारे सोने के सिक्के लेकर आ गयी, जिसे देखकर रामू दंग रह गया, और फिर उस चुड़ैल से मिठाई लाने का वादा करके वापस अपने घर चला गया, इस तरह रामू अपने दिमाग से अपनी जान बचा लिया, और यह सारी बाते अपनी पत्नी को बता दिया,
जिसके बाद उसकी समझदार पत्नी ने उस जंगल में दोबारा जाने के लिए मना कर दिया, इस तरह उन मिले सोने के सिक्को को बेचकर दोनों अपना खुशहाल जीवन व्यतीत करने लगे.
लेकिन रामू और उसकी पत्नी की बातो को उसके घर पर दूध देने ग्वाले ने पूरी बात सुन लिया था, और फिर उस ग्वाले ने सोने के सिक्के और चुड़ैल वाली बात अपनी पत्नी को बता दिया, उस ग्वाले की पत्नी बहुत ही लालची स्वाभाव की थी, और बोली ठीक है आप भी उस जंगल में मिठाई लेकर जाना और उस चुड़ैल से उसके बदले सोने लेकर आना, फिर डरते डरते वह ग्वाला उस जंगल में जाने को तैयार हो गया.
फिर अगले दिन वह ग्वाला ढेर सारी मिठाई लेकर उस जंगल में पहुच गया, जहा उसकी मुलाकात उस चुड़ैल से हो गयी, तो अपनी जान के बदले में उसने मिठाई को दे दिया, फिर उसके बदले उस चुड़ैल ने अपने पेड़ की गुफा से सोने के सिक्के लाकर उस ग्वाले की दे दिया.
फिर सोने के सिक्के को पाकर ग्वाला काफी खुश हुआ था, जिसे देखकर ग्वाले की लालची पत्नी बोली फिर से आप वहा जंगल में जाना फिर जिस पेड़ की गुफा से सोने की सिक्के दिया है, उस पेड़ को ही काटकर सारे सोने के सिक्के एक ही बार में ले आना.
अपनी पत्नी के कहे गये ग्वाले ने ठीक वैसा ही किया, लेकिन पेड़ को काटते देखकर चुड़ैल बहुत ही क्रोधित हुई और फिर उसने उस ग्वाले का वही अंत कर दिया. इस प्रकार उस ग्वाले को अपनी लालची पत्नी के चलते जान गवानी पड़ी.
साल 1950 का यह एक चौंकाने वाला किस्सा रानी बाजार का है। यहां रामप्रकाश रहता…
अपने पूर्व जन्म में कुबेर देव गुणनिधि नाम के गरीब ब्राह्मण थे. बचपन में उन्होंने…
सिंदबाद ने कहा कि मैंने अच्छी-खासी पैतृक संपत्ति पाई थी किंतु मैंने नौजवानी की मूर्खताओं…