समझ
समझ कर भी नासमझी का फ़साना क्यूँ।अपने सी लगती फिर भी बेगाना क्यूँ।नासमझी का यूँ…
समझ कर भी नासमझी का फ़साना क्यूँ।अपने सी लगती फिर भी बेगाना क्यूँ।नासमझी का यूँ…
जादूगरी प्रशाधनो कीउचित अनुचित संसाधनों कीकुछ सुंदर बिंदिया सजानापायल की छम छम बजानाफॉसिल की घड़ियां…
उस पगली की बातों में खोना।उसका पास होकर भी न होना।ख्याब उसके हरपल सँजोना।उसकी आगोश…
मैं उसे देखकर नजरअंदाज कर दिया करता था।तब मुझे इनके ढकोसले पन और कर्महीनता पर…
प्रवी रोज की तरह आज स्कूल से 1:00 बजे घर पहुँची।स्कूल का बैग उतारकर बगल…
ये शहर की उन बदनाम गलियों की कहानी है जहाँ शरीफ ज़ादे दिन के उजाले…
बात उस समय की है जब मेरी पोस्टिंग पिथौरागढ़ के जंगली इलाके में थी।मैं उस…
आजकल के आधुनिक भारत में जब महिलाओं को पुरुषों की बराबरी का दर्जा दिया गया…
बहुत पुरानी बात है।दादाजी और गांव के कुछ लोगों से सुना था।हमारे गांव में गोमती…