माँ मैं सैनिक बनने जाऊंगी।
जिस तरह पापा ने धुल चटाया दुश्मन को।
मैं भी उन्हें वैसे ही धूल चटाऊंगी।।
बेटी तू तो नाजुक फूलो सी।
पुष्प पंखुड़ियों से नाजुक तेरे अंग।
कैसे उन आतताइयों का सामना कर पाओगी।
पिता तेरे हुए वीरगति।
तुम बिन कैसे मैं जी पाऊंगी।।
माँ तू चिंता ना कर ।
हिम्मत और साहस की गुड़िया हूँ।
पिता की शहादत को रुषवा न करवाउंगी।
उनकी बेटी हूँ।रण कौशल से दुश्मनों को बताऊंगी।
माँ मैं सैनिक बनने जाऊँगी।।
जब होगी तू उनके कब्जे में।
दर्द देंगे तुझे वो उससे ज्यादा मुझे होगी पीड़ा।
आततायी करेंगे तेरे नारीत्व को शर्मसार।
कैसे ये मैं सुन पाऊंगी।।
माँ तू चिंता ना कर।
इन मोतियों से दांतों को
इन सूंदर नाखूनों को बनाकर हथियार।
तेरी ये बेटी लेकर काली का अवतार ।
उन आतातायियों के सीने फाड़ खाऊँगी।
कुछ भी हो जाये भारत माता का सर न झुकवाऊंगी।
माँ मै सैनिक बनने जाऊंगी।।
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