Categories: कविताएं

सम्पूर्णता का अहसास

क्या है सम्पूर्णता
किसी की चाहत
या उसकी आहट
उसके पायलों की छमछम
या उसकी चेहरे की चमचम।
किसी के प्रति समर्पण
या उसका अर्पण।

क्या है सम्पूर्णता
प्रिय से मिलन
या प्रिय की बिछड़न।
उनकी हरवक्त रहनुमाई
या उनसे जुदाई।
क्या है सम्पूर्णता

मिलन की आस में ये लोभी मन
या बिछड़न की त्रास भरा योगी मन।
मिलन की घड़ी में सब खोने का अहसास
या बिछड़न पर सब खोकर वैराग्य अहसास।
मिलन बाद  निस्तेज शव समान शांति
या बिछड़न पश्चात शिव की कांति।
क्या है सम्पूर्णता??.

Ravi KUMAR

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Ravi KUMAR

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