कहानियां

सोने की कीमत : लोक कथा

बहुत पुरानी बात है, रूस में एक गाँव था जिसके ज़्यादातर निवासी गरीब किसान थे। गाँव में केवल एक ही…

2 वर्ष ago

राजा युवराज और अमरफल : लोक कथा  LOK KATHA IN HINDI

बहुत समय पहले की बात है. एक राजा के तीन पुत्र थे. वह उन तीनों में से सबसे योग्य को…

2 वर्ष ago

भूत और खुफिया कैमरा

एक गांव में मीरा नाम की एक लड़की थी वो पढ़ाई मे बहुत होशियार थी । मोना ने अपनी पढ़ाई…

2 वर्ष ago

सबूत – लोक कथा

प्राचीन काल में मायापुरी नामक एक नगर व्यापार के लिए बहुत प्रसिद्ध था। दूर -दूर से लोग व्यापार के सिलसिले…

2 वर्ष ago

चार भाई – हिन्दी लोककथा

किसी गाँव में चार भाई रहते थे. चारों भाइयों में आपस में बड़ा प्रेम था और सभी एक दूसरे का…

2 वर्ष ago

मुबीना या सकीना

गाँव के एकमात्र पक्के मकान के पिछवाडे से एक मर्द और औरत चोरों की तरह आगे पीछे देखते हुये निकले.…

2 वर्ष ago

इंद्रजाल

गाँव के बाहर, एक छोटे-से बंजर में कंजरों का दल पड़ा था। उस परिवार में टट्टू, भैंसे और कुत्तों को…

2 वर्ष ago

रमला

साजन के मन में नित्य वसन्त था। वही वसन्त जो उत्साह और उदासी का समझौता कराता, वह जीवन के उत्साह…

2 वर्ष ago

चूड़ीवाली

‘‘अभी तो पहना गई हो।’’ ‘‘बहूजी, बड़ी अच्छी चूडिय़ाँ हैं। सीधे बम्बई से पारसल मँगाया है। सरकार का हुक्म है;…

2 वर्ष ago

भिखारिन

जाह्नवी अपने बालू के कम्बल में ठिठुरकर सो रही थी। शीत कुहासा बनकर प्रत्यक्ष हो रहा था। दो-चार लाल धारायें…

2 वर्ष ago

खंडहर की लिपि

जब बसन्त की पहली लहर अपना पीला रंग सीमा के खेतों पर चढ़ा लायी, काली कोयल ने उसे बरजना आरम्भ…

2 वर्ष ago

उस पार का योगी

सामने सन्ध्या-धूसरति जल की एक चादर बिछी है। उसके बाद बालू की बेला है, उसमें अठखेलियाँ करके लहरों ने सीढ़ी…

2 वर्ष ago

पाप की पराजय

घने हरे कानन के हृदय में पहाड़ी नदी झिर-झिर करती बह रही है। गाँव से दूर, बन्दूक लिये हुए शिकारी…

2 वर्ष ago

अघोरी का मोह

‘‘आज तो भैया, मूँग की बरफी खाने को जी नहीं चाहता, यह साग तो बड़ा ही चटकीला है। मैं तो….’’…

2 वर्ष ago

अघोरी का पुनर्जन्म

एक अघोरी साधु थे वे शिव भक्त थे जंगल में रहा करते जंगल में वे जहाँ रहते वहाँ बहुत से…

2 वर्ष ago

लड़की की बन्दर से शादी

क लड़की नदी पर नहाने और पानी भरने गयी। उसने नहाने के लिये अपने कपड़े उतारे, उनको किनारे पर रखा…

2 वर्ष ago

शिवजी का वाहन नंदी : असमिया लोक-कथा

यह उस समय की बात है, जब भगवान शिव के पास कोई वाहन न था। उन्‍हें पैदल ही जंगल-पर्वत की…

2 वर्ष ago

गीदड़ और गीदड़ी

राजस्थान के गांवों में दादी -नानी कई लोक कथाएं सुनाती है जिससे बालक हंसते- हँसते लोट -पोट हो जाते हैं…

2 वर्ष ago

सेवा और भक्ति : नेपाल की लोककथा

राजा सुशर्मा अपने दरबारियों के हर प्रश्न का जवाब देते थे ।एक बार एक व्यक्ति ने दरबार में उनसे पूछा…

2 वर्ष ago

परनिंदा का पाप : उडिशा की लोककथा

एक राजा के दरबार में ब्राह्मण भोज का आयोजन किया गया । छप्पनभोग महल के खुले आंगन में बनवाए गए…

2 वर्ष ago

सजदा

एक बुजुर्ग दरिया के किनारे पर जा रहे थे। एक जगह देखा कि दरिया की सतह से एक कछुआ निकला…

2 वर्ष ago