लोककथा भाग 15
बहुत पुरानी बात है एक कस्बे में एक साहुकार था। उसके चार बेटे थे ।चार में से बड़े तीन पुश्तैनी...
बहुत पुरानी बात है एक कस्बे में एक साहुकार था। उसके चार बेटे थे ।चार में से बड़े तीन पुश्तैनी...
एक जूँ थी छोटी सी। लोग उसकी कद-काठी पर हसाँ करते थे। उसकी इतनी हँसी उड़ाने लग गये थे कि...
परिचय गौरव अपने माता पिता और भाई बहनों का लाडला।बचपन से ही पढ़ाई लिखाई ही नहीं हर चीज़ में अव्वल...
बड़ी हवेली अब नाममात्र की बड़ी हवेली है, जहाँ रात दिन नौकर नौकरानियों और जन मजदूरों की भीड़ लगी रहती...
दुनिया दूषती है हँसती है उँगलियाँ उठा कहती है ... कहकहे कसती है - राम रे राम! क्या पहरावा है ...