लोककथा भाग 19
एक गरीब औरत थी | उसका एक बेटा था | जब वह बड़ा हुआ तो उसने अपनी माँ से कहा “मै ब्यापार करने की सोच रहा हु ताकि मेरी शादी हो सके और तुम्हे घर के काम-काज में सहारा मिल सके”
उसकी बुढ़ीया माँ बोली “मेरे पास पैसे के नाम पर कुछ भी नही है ऐसे में तू भला व्यापार कैसे कर लाएगा ?”बेटे ने कहा “मुझे व्यापार के लिए सिर्फ एक पैसा चाहिए”उसने अपनी माँ से एक पैसा लिया ।
उसके भुने चने खरीदे और नदी किनारे जा बैठा |वहां एक धोबी राजा के कपड़े धो रहा था | बुढिया का बेटा भुना चना खाने लगा | धोबी का लड़का भी वहां था | उसे भूख लगी ,तो पिता से खाने को कुछ मांगने लगा | धोबी बोला “भला राजा के कपड़े हम यहाँ छोडकर जाए तो कैसे ?”बुढिया के बेटे को धोबी जानता नही था फिर भी वह बोला “चाचाजी , फ़िक्र क्यों करते हो ! मै रखवाली करूंगा तुम्हारे कपड़ो की , तुम बच्चे को ले जाकर खाना खिला आओ”
धोबी ने उसका नाम पूछा तो बताया “मेरा नाम तूफ़ान है”धोबी अपने बेटे को खाना खिलाने घर ले गया | जैसे ही वह गया , उसने सारे कपड़े इकट्ठे किये और उन्हें लेकर अगले गाँव की ओर चल दिया | रस्ते में वह खेतो के बीच से गुजरा |
वहां एक गडरिया गाँव के चरते ऊंटों की रखवाली कर रहा था |अजनबी ने जेब से भुने चने निकाले और खाने लगा | उसे खाते देखकर चरवाहे को भी भूख सताने लगी | उसने थोड़े से चने मांगे | लडके ने कहा “भला थोड़े से चने से क्या होगा ! जाकर आराम से खाना खाओ | तुम मेरे चाचा हो तब तक मै तुम्हारे ऊंटों की रखवाली करता रहूँगा”
गडरिये ने उसका नाम पूछा तो बताया “ऊँटधनी”गडरिया चला गया | लडके ने उनमे से सबसे बढिया ऊँट छांट लिया और सारे कपड़े उस पर लादकर रफूचक्कर हो गया |जब वह अगले गाँव की तरफ जा रहा था , तो उसने एक बुढिया को जवान लडकी के साथ देखा | लडकी बहुत ही थकी दिखाई दे रही थी | लड़का उससे बोला “अरी ताई , इस कमजोर लडकी को क्यों थका रही हो ? मेरे ऊंट की मदद ले ले ”बुढिया ने उससे पूछा “क्या तुम इस लडकी को ले जाकर अगले गाँव में छोड़ दोगे ?”
लडके ने खुशी-खुशी बुढिया की बात मान ली | बुढिया ने पूछा “तुम्हारा नाम क्या है ? ” उसने जवाब दिया “मेरा नाम है जमाईडा”युवती उस ऊंट पर बैठ गयी | लड़का अगले गाँव में रुकने के बजाय अपने गाँव वाली सडक पर बढ़ गया |उधर जब धोबी नदी पर वापस आया तो देखा कि लड़का सारे कपड़े लेकर चम्पत हो गया है वह भागा भागा गया और पुलिस में चोरी की शिकायत लिखवा दी | पुलिस अफसर ने पूछा कि क्या हुआ ?कपड़े कैसे गायब हो गये ? धोबी बोला “कपड़ो को तूफ़ान ले गया”पुलिस अफसर ने यह सुना तो धोबी को पागल कहने लगा “अगर कपड़ो को तूफ़ान उड़ा ले गया , तो भला वापस कैसे मिल सकते है”
उसने धोबी को धक्के मारकर थाने से बाहर निकाल दिया |इसके बाद गडरिया ऊंट चोरी की शिकायत लेकर पहुचा | पुलिस अधिकारी ने उससे पूछा “ऊँट , कौन ले गया ?”गडरिये ने जवाबी दिया “ऊँटधनी”पुलिस अधिकारी ने नाराज होकर कहा “तुम एकदम मुर्ख हो | अगर ऊँट के मालिक को ऊँट ले जाने का अधिकार नही तो भला ओर कौन ले जाएगा” और उसने गडरिये को मार पीटकर भगा दिय |उधर जब बुढिया गाँव पहुची तो उसे अपनी बेटी कहे दिखाई नही दी | वह जल्दी जल्दी गयी और पुलिस अधिकारी से शिकायत कर दी कि कोई आदमी उसकी बेटी को उड़ा ले गया है |
पुलिस अधिकारी ने कहा “कौन ले गया तुम्हारी बेटी को ?”बुढिया बोली “जमाईडा”सुनकर पुलिस वाला खूब हंसा | बोला “अरी बुढिया ,तू तो सटिया गयी है भला एक औरत के लिए इससे बढकर क्या हो सकता है कि उसकी बेटी को जमाई ले जाए”बुढिया का बेटा पत्नी , ऊंट और और राजा के कपड़ो के साथ घर लौट आया | बुढिया बेटे की बहु को देखकर खुश हो गयी | वे सब मौज से रहने लगे |