Categories: संस्मरण

अफवाह या हकीकत ?

अभी ऑफिस से घर पहुँचा ही था कि श्रीमती जी ने बताया उनके मायके से फ़ोन आया था।उनकी माताश्री ने बताया कि यहाँ लोग कह रहे है।लोगों के लोहे के सन्दूक को खोलने पर उसके अंदर पैरों के निशान मिल रहे हैं।

वैसे तो वो अंधविश्वास नहीं मानती मगर जब उन्होंने अपने सन्दूक खोले तो निशान पाया।जो उन्होंने व्हाट्सएप किया।

गांव में बहुत से घरों और बहुत से संदूको में इस तरह के निशान मिल रहे हैं।

मैं आपके जानकारी के लिए यहाँ एक फोटो पोस्ट कर रहा हूं।शायद आपमे से कोई इस रहस्य का पर्दाफाश कर सके।

Ravi KUMAR

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