डरी हुई सहमी सी
प्यारी सी भोली सी
देखती चिहुँक कर चहुओर 
धड़कन बढ़ी सांसे अटकी
लगाए आस पुरजोर
एक स्पर्श प्रेम का पाकर
उड़ चली उस ओर।

Ravi KUMAR

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Ravi KUMAR

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