पहले दरवेश के कारनामे
जब सुबह हुई और सूरज को निकले दो घड़ी हो गये तब मेरी आँख खुली।…
जब सुबह हुई और सूरज को निकले दो घड़ी हो गये तब मेरी आँख खुली।…
राजा के हुकुम के अनुसार उसी दिन आधी रात को जब अँधेरा गाढ़ा हो गया…
उसके बाद तीसरे दरवेश ने आराम से बैठते हुए अपनी यात्राओं के बारे में बताना…