विनाशनी
रोजाना की तरह आज भी धूप खिली हुई थी।ठंढक की ये प्यारी धूप लेने लोग अपने घरों से बाहर निकल...
रोजाना की तरह आज भी धूप खिली हुई थी।ठंढक की ये प्यारी धूप लेने लोग अपने घरों से बाहर निकल...
रात होने से पहले गाँव के सभी मुसलमान, लगभग पचास लोग, मर्द, औरतें और बच्चे, गाँव के एक छोर पर...