सच्चे प्यार की एक चीनी लोक कथा
प्राचीन चीन में लड़कियाँ हमेशा घर में ही रहती थीं, उनको विद्यालय में पढ़ने का अवसर कम मिलता था। एक चूईंगताई नामक लड़की ज्ञान प्राप्त करने के लिए लड़के के कपड़े पहनकर विद्यालय गई। वहाँ उसे एक ल्यांगशानपो नामक लड़का मिला। ल्यांगशानपो एक भरोसेमंद औ रमेहनती लड़का था। जल्दी से वे दोनों घनिष्ठ दोस्त बन गये। ल्यांगशानपो समझता था कि चूईंगताई एक प्यारा-सा लड़का था, लेकिन समय बीतते बीतते चूईंगताई के मन में उसके प्रति प्यार का भाव पैदा हुआ। यह एक बड़ी उलझी हुई बात थी, इसलिए चूईंगताई को अपना प्यार मन में रखना पड़ता था। बाद में परिवार के किसी मामले के लिए चूईंगताई को घर वापस जाना पड़ा। ल्यांगशानपो ने उसे बिदा दी और उन दोनों ने एक दूसरे को वचन दिया कि भविष्य में वे ज़रूर फिर मिलेंगे।
घर वापस आने के बाद चूईंगताई ल्यांगशानपो को बहुत याद करती रहती थी। एक बार ल्यांगशानपो कोई काम करने के लिए चूईंगताई के घर के यहां गया। वह चूईंगताई के घर भी गया। तभी उसे मालूम हुआ कि चूईंगताई एक लड़की थी। चूईंगताई इतनी प्यारी थी कि ल्यांगशानपो भी प्यार के जाल में फंस गया। लेकिन उस समय चूईंगताई की सगाई एक ऐसे लड़के के साथ हो गई थी, जिसका परिवार ल्यांगशानपो के से ज़्यादा अमीर और शक्तिशाली था। एक दूसरे से प्यार करने के बावजूद उनके एक साथ रहने की संभावना नहीं थी, इससे उन्हें बहुत दुख हुआ।
बड़े दुख के साथ घर वापस जाने के बाद ल्यांगशानपो बिमार हो गया। कुछ समय बाद वह मर भी गया। यह जानकारी मिलकर चूईंगताई का दिल टूट पड़ा। उसने मन-ही-मल संकल्प लिया कि वह केवल ल्यांगशानपो की पत्नी बनेगी और वह केवल ल्यांगशानपो के साथ रहेगी, हालाँकि अब ल्यांगशानपो मृत हो गया है।
शादी के दिन वर के घर जानेवाले रास्ते में चूईंगताई अचानक भीड़ से अलग होकर भाग गई। वह ल्यांगशानपो की क़ब्र के पास गई और रोने लगी। एकाएक उस क़ब्र में एक दरार पड़ी और यह दरार चौड़ी होती जा रही थी। यह देखकर चूईंगताई बिना कुछ सोचे उस दरार में कूद पड़ी, जिससे उसने अपनी जान ख़त्म कर दी।
और यह इस प्यार की कहानी का अंत नहीं है। चूईंगताई के कब्र में कूदने के थोड़ी देर बाद प्रेमी-प्रेमिका दो तितलियों के रूप में जिंदा हो गये और वे आज़ादी से आसमान में उड़ते रहे।