मिट्ठू
बंदरों के तमाशे तो तुमने बहुत देखे होंगे। मदारी के इशारों पर बंदर कैसी-कैसी नकलें करता है, उसकी शरारतें भी...
बंदरों के तमाशे तो तुमने बहुत देखे होंगे। मदारी के इशारों पर बंदर कैसी-कैसी नकलें करता है, उसकी शरारतें भी...
दुखी चमार द्वार पर झाडू लगा रहा था और उसकी पत्नी झुरिया, घर को गोबर से लीप रही थी। दोनों...
हल्कू ने आकर स्त्री से कहा-सहना आया है, लाओ, जो रुपए रखे हैं, उसे दे दूँ। किसी तरह गला तो...
जब रजिया के दो-तीन बच्चे होकर मर गये और उम्र ढल चली, तो रामू का प्रेम उससे कुछ कम होने...
मगध देश में महाबल नाम का एक राजा राज्य करता था । जिसके महादेवी नाम की बड़ी सुन्दर कन्या थी।...
भोगवती नाम की एक नगरी थी। उसमें राजा रूपसेन राज करता था। उसके पास चिन्तामणि नाम का एक तोता था।...
वर्धमान नाम के एक नगर में रूपसेन नाम का एक दयालु और न्यायप्रिय राजा राज करता था। एक दिन उसके...
यमुना के किनारे धर्मस्थान नामक एक नगर था। उस नगर में गणाधिप नाम का राजा राज करता था। उसी में...
काशी में प्रतापमुकुट नाम का राजा राज्य करता था। उसके वज्रमुकुट नाम का एक बेटा था। एक दिन राजकुमार दीवान...
कहानिया लिखकर हम अपने मन की बात पाठकों के समक्ष रखते है।पर कई बार मन मे उठ रहे विचार इतने...
पूर्व भाग में आपने पढ़ा किस तरह सुंदरी और राजन को प्यार हुआ और मन्त्रिवर के कहने पर सुंदरी राजन...
नदी के उस पार कौशाम्बी नगर में एक राजा हुआ करते थें।और नदी के इस पार वो सुंदरी रहती थी।दोनो...
जय माँ सरस्वती!! जबसे होश संभाला पढ़ाई की ओर धकेल दिया गया।अपना समाज ऐसा ही हो गया है।एक मिड्ल क्लास...
एक गरीब लकड़हारा था उसकी शादी हो गई थी परंतु उसके पास काम धाम का कोई जरिया नहीं था।वह रोजाना शहर जाकर...
उत्तर पूर्व चीन के शङयांग शहर में आबाद पुराना राज महल चीन में अब तक सुरक्षित प्राचीन शाही वास्तु निर्माणों...
90 के दसक में कोयला माफियाओं के फलने फूलने का वक़्त था।छोटे स्कूल कॉलेजो से पढ़कर निकले युवाओं के पास दो...
बहुत पुरानी बात है एक कस्बे में एक साहुकार था। उसके चार बेटे थे ।चार में से बड़े तीन पुश्तैनी...
एक जूँ थी छोटी सी। लोग उसकी कद-काठी पर हसाँ करते थे। उसकी इतनी हँसी उड़ाने लग गये थे कि...
परिचय गौरव अपने माता पिता और भाई बहनों का लाडला।बचपन से ही पढ़ाई लिखाई ही नहीं हर चीज़ में अव्वल...
बड़ी हवेली अब नाममात्र की बड़ी हवेली है, जहाँ रात दिन नौकर नौकरानियों और जन मजदूरों की भीड़ लगी रहती...
दुनिया दूषती है हँसती है उँगलियाँ उठा कहती है ... कहकहे कसती है - राम रे राम! क्या पहरावा है ...