लोक कथाएं
किसी जमाने की बात है। एक आदमी था। उसका नाम था सूर्यनारायण। वह स्वयं तो देवलोक में रहता था, किंतु...
किसी जमाने की बात है। एक आदमी था। उसका नाम था सूर्यनारायण। वह स्वयं तो देवलोक में रहता था, किंतु...
बुद्वि बड़ी या पैसा / शिव सहाय चतुर्वेदी किसी देश में एक राजा राज करता था। उसके लिए पैसा ही...
प्रद्युम्नसिंह नाम का एक राजा था। उसके पास एक हंस था। राजा उसे मोती चुगाया करता और बहुत लाड़-प्यार से...
एक गांव में एक बार एक बूढ़ा व्यक्ति रहने आया। वह दुनिया के सबसे बदनसीब और दुर्भाग्यशाली लोगों में से...
एक करोड़पति ने अपने बड़े से घर की रक्षा के लिए एक कुत्ता पाला। उसके घर के दरवाजे दो तरफ...
हमारे देश में अंग्रेजों का शासन काल था। उस समय अपने देश में अंग्रेजो का शासन हुआ करता था। पूरे...
यह अमेरिका के राष्ट्रपति भवन (व्हाइट हाउस) का 10 अगस्त वर्ष 1923 का किस्सा है। उन दिनों केल्विन कूलिज (Calvin...
बहुत दिन पहले की बात है कि एक विधवा स्त्री अपने एकलौते बेटे के साथ रहती थी। एक दिन वह...
धूल में पड़े कीमती पत्थर को देख कर जौहरी की आँखों में एक नई झलक झिलमिला गई - अपरूप-रूप! चरवाहा...
“सर् मैंने खून कर दिया है.” वो बार बार यही शब्द दुहरा रही थी. वो पुलिस स्टेशन के अंदर मेरे...
नोट:यह व्यंग्य किसी के धार्मिक या आध्यात्मिक आस्था पर सवाल नहीं उठती है।रचना का उद्देश्य मनोरंजन एक व्यंग्य मात्र है।...
न ...करमा को नींद नहीं आएगी।नए पक्के मकान में उसे कभी नींद नहीं आती। चूना और वार्निश की गंध के...
इस दिन आधी रात को 'मनहरना’ दियारा के बिखरे गांवों और दूर दूर के टोलों में अचानक एक सम्मिलित करूण...
मोबाइल में आजकल अक्सर आग लगने या बैटरी में ब्लास्ट होने से जुड़े मामले आते रहते हैं। एक और नामी...
पीहू , नेहा की इकलौती सन्तान थी।उसके सिवाय इस दुनिया में कौन था उसका? माता पिता तो उसके बचपन में...
निशा बचपन से ही बहुत खूबसूरत थी।जैसे जैसे बड़ी होते गई उसकी खूबसूरती में चार चांद लगते गए। वो जिससे...
क्या है मौत,क़यू है मौत।कोई कहे कविता सी सूंदरकोई कहे परियो सी खूसूरत।किसी को लगे शांति की मूरतकिसी को जन्नत...
पिछले सप्ताह की बात है बेटी के कई बार आग्रह के बावजूद समयाभाव के कारण काफी दिनों बाद चिड़िया घर...
माँ मैं सैनिक बनने जाऊंगी।जिस तरह पापा ने धुल चटाया दुश्मन को।मैं भी उन्हें वैसे ही धूल चटाऊंगी।। बेटी तू...
सरल हृदय, सुलभता भरा मन।आ गए आंसू आंखों में कुछ देख सुन।कभी खुशी के तो कभी गम में।कभी हार से...
रधिया अपने मुन्ने को लेकर मजदूरी करने जाती थी।कभी पीठ पर बांधकर तो कभी कमर से लटकाकर दिनभर मजदूरी करती...