शरलॉक होम्स की जासूसी 2
मैं मानता हूं कि अपने साथी के व्यावहारिक सिद्धांतों के इस ताजा सबूत से मैं काफी हैरान था. उस की...
मैं मानता हूं कि अपने साथी के व्यावहारिक सिद्धांतों के इस ताजा सबूत से मैं काफी हैरान था. उस की...
वर्ष 1878 में मुझे लंदन विश्वविद्यालय से डाक्टर ऑफ मेडिसिन की उपाधि मिली और मैं सेना में सर्जनों के लिए...
बात बहुत ही पुरानी है। उस समय ग्रामीण लोग अधिकतर एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए बैलगाड़ी आदि...
रमेसर काका के पास एक लेहड़ा गायें थीं। वे प्रतिदिन सुबह ही इन गायों को दुह-दाहकर चराने के लिए निकल...
हुनेसरजी (नाम बदला हुआ) हमारे जिले के ही रहने वाले थे और शादी-शुदा थे। उनके परिवार में उनके दो छोटे...
पहले गाँवों में कुछ बनिया फेरी करने आते थे (आज भी आते हैं पर कम मात्रा में)। कोई छोटी-मोटी खाने...
१९४८ में, मैं सिवनी के म्यूनिसिपल स्कूल में छटवी कक्षा का छात्र था। हम लोगों के शिक्षकों में एक विनू...
गर्मी की छुट्टिया चल रही थी तो मैं लगभग पूरा दिन घर पर ही होता हूँ। हमारे घर के ठीक सामने एक बैरी का पैड था।...
बहुत पुरानी बात है, सुंगंधा नगरी में सुचिंतन नाम का एक राजा राज करता था । यथा नाम तथा रूप, सुंगंधा नगरी धन –...
गुरु गोरख नाथ के गुरु थे परम योगी गुरु मत्स्येन्द्र नाथ ! जिन्हे लोग मछिन्दर नाथके नाम से भी जानते...
एक दिन राजू के मन में आया कि लोगों को भूत बनकर डराया जाए। वह सांस रोकर बैठ गया ।...
बहुत वर्षों पूर्व किसी गाँव में एक किसान रहता था। नागपंचमी के दिन वह खेत में हल जोतने गया। कुछ...
भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में एक गांव था मिसमा। वहां एक अनाथ मछुआरा रहता था ताराओन । एक दिन वह...
एक बार एक गरीब किसान के घर खाने को कुछ न था। उसकी पत्नी ने सलाह दी कि वह कुछ...
बिरहा अहीरों का जातीय लोकगीत है। लोकगीतों में इसका स्थान उसी तरह महत्त्वपूर्ण है, जिस तरह संस्कृत में 'द्विपदी', प्राकृत...
एक व्यक्ति का एक बहुत बड़ा बाग़ था। उसके बाग़ में हर प्रकार के फल का पेड़ मौजूद था। उसने...
प्राचीन काल में दो दरवेश (संत) एक दूसरे के गहरे मित्र थे। उन दोनों के बीच इतनी घनिष्ठता थी कि...
जब सुबह हुई और सूरज को निकले दो घड़ी हो गये तब मेरी आँख खुली। पर वहाँ तो मुझे कुछ...
राजा के हुकुम के अनुसार उसी दिन आधी रात को जब अँधेरा गाढ़ा हो गया तो राजकुमारी को जिसको इतने...
उसके बाद तीसरे दरवेश ने आराम से बैठते हुए अपनी यात्राओं के बारे में बताना शुरू किया — ओ दोस्तों...
चौथे दरवेश ने रोते रोते अपनी कहानी सुनायी — अब मेरी बदकिस्मती की दुखभरी कहानी सुनो थोड़ा ध्यान दे कर...