अलिखित कहानी
मैं अपनी गृहलक्ष्मी से लड़कर अपने पढ़ने के कमरे में आकर बैठा हुआ था और कुढ़ रहा था।लड़ाई मैंने नहीं...
मैं अपनी गृहलक्ष्मी से लड़कर अपने पढ़ने के कमरे में आकर बैठा हुआ था और कुढ़ रहा था।लड़ाई मैंने नहीं...
प्रभाकर जब अपने बड़े कोट के नीचे भरा हुआ 45 बोर का रिवाल्वर लगाकर, जेब में पड़े हुए गोलियों के...
प्यासे खजूर के वृक्षों की छोटी-सी छाया उस कड़ाके की धूप में मानो सिकुड़ कर अपने-आपमें, या पेड़ के पैरों...
सीटी बजी।सत्य सड़क पर चलता-चलता एकाएक रुक गया, स्तब्ध, बिलकुल निश्चेष्ट होकर खड़ा रह गया।सीटी फिर बजी।सत्य के हाथ-पैर काँपने...
जब गाड़ी खचाखच लदी होने के कारण मानो कराहती हुई स्टेशन से निकली, तब रामलाल ने एक लम्बी साँस लेकर...
अच्छाई-बुराई की बात मैं नहीं जानता। कम-से-कम इतनी नहीं जानता कि सबके, और खासकर अपने, बारे में यह फैसला कर...
दुकान में घुसा तो छोटे लाला नौकर को पीट रहे थे।लाला की दुकान से मैं तब-तब थोड़ा-बहुत सामान लेता रहता...
छूत की बीमारियाँ यों कई हैं; पर डर-जैसी कोई नहीं। इसलिए और भी अधिक, कि यह स्वयं कोई ऐसी बीमारी...
किसी ज़माने में अंगदेश मे यशकेतु नाम का राजा था। उसके दीर्घदर्शी नाम का बड़ा ही चतुर दीवान था। राजा...
उस धार्मिक समाज के प्रति मुन्नी में एक विद्रोह भर उठा था, जिसका मन्त्री कैलास था, और कैलास का सबसे...
सलमा छोटी और क्वाँरी। वह मेरे साल-सवा साल के बच्चों को उठाए रहती और मुझसे कुछ बड़ी लगती। साथ ही...
कॉलेज के दिनों में कब और कैसे उसका नाम ‘प्रेमी’ पड़ गया, यह वह आज भी नहीं जानता। उसका यही...
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हिरामन गाड़ीवान की पीठ में गुदगुदी लगती है...पिछले बीस साल से गाड़ी हांकता है हिरामन. बैलगाड़ी. सीमा के उस पार,...
जुम्मन शेख अलगू चौधरी में गाढ़ी मित्रता थी। साझे में खेती होती थी। कुछ लेन-देन में भी साझा था। एक...
पिछले पन्द्रह दिनों से दंड-जुरमाने के पैसे जमा करके महतो टोली के पंचों ने पेट्रोमेक्स खरीदा है इस बार, रामनवमी...
बहुत पुरानी बात है। एक गॉंव में देवदत्त नामक एक वैद्य था। वह बीमारियॉं दूर करने में प्रवीण था, लेकिन...
बहुत पुरानी बात है।किसी नगर में चार भाई रहते थे| चारों भाई बहुत विद्वान थे | उनकी विद्या के चर्चे...
किसी गांव में एक चमार रहता था। वह बड़ा ही चतुर था। इसीलिए सब उसे ‘चतुरी चमार’ कहा करते थे।...
एक समय एक गांव में एक धनी किसान रहता था। उसके तीन पुत्र थे—विजय सिपाही, तारा वणिक, सुमंत मूर्ख। गूंगी...
संवत् १९०० वि० की एक सच्ची और विचित्र घटना सुनिये। उस घटना ने यह कहावत प्रमाणित कर दी कि ‘गुरु...