मौत
क्या है मौत,क़यू है मौत।कोई कहे कविता सी सूंदरकोई कहे परियो सी खूसूरत।किसी को लगे शांति की मूरतकिसी को जन्नत...
क्या है मौत,क़यू है मौत।कोई कहे कविता सी सूंदरकोई कहे परियो सी खूसूरत।किसी को लगे शांति की मूरतकिसी को जन्नत...
माँ मैं सैनिक बनने जाऊंगी।जिस तरह पापा ने धुल चटाया दुश्मन को।मैं भी उन्हें वैसे ही धूल चटाऊंगी।। बेटी तू...
सरल हृदय, सुलभता भरा मन।आ गए आंसू आंखों में कुछ देख सुन।कभी खुशी के तो कभी गम में।कभी हार से...
कैसे लिखूं तुझपर कविता।क्या लिखूं तुझपर कविता।क्या पिरो पाऊंगा निज कामना ,कुछ शब्दों में।या छोड़ दूंगा भटकने कुछ आड़ी टेढ़ी लकीरों से।...
कभी तो सुना करो खामोशियों कीमेरी खामोशी भी कुछ कहती है।जब खमोश रहती हो मेरी जबाँतुम्हें लगु की हूँ मैं...
क्या है सम्पूर्णताकिसी की चाहतया उसकी आहटउसके पायलों की छमछमया उसकी चेहरे की चमचम।किसी के प्रति समर्पणया उसका अर्पण। क्या...
रंगों और खुशियों कीदही भल्ले और गुजियो किभागमभाग और हुड़दंगों किरंगों में रंगी होती है होली। सबमे शामिल होकर भीसबसे...
बहुत ही बड़े लेखक की रचना का शीर्षक लेकर कुछ लिखने की जुर्रत की है।कोई त्रुटि हुई तो क्षमापार्थी हुँ।...
जबसे जाना जितना जाना, बुन रहा बस उसका ताना बाना नाम सी स्वर्णिम,कर्म स्वरूपा अंखियां जीवन ज्योत जगाई अधरों पर...
डरी हुई सहमी सीप्यारी सी भोली सीदेखती चिहुँक कर चहुओर धड़कन बढ़ी सांसे अटकीलगाए आस पुरजोरएक स्पर्श प्रेम का पाकरउड़ चली...
समझ कर भी नासमझी का फ़साना क्यूँ।अपने सी लगती फिर भी बेगाना क्यूँ।नासमझी का यूँ हर रोज नया बहाना क्यूँ।हर...
जादूगरी प्रशाधनो कीउचित अनुचित संसाधनों कीकुछ सुंदर बिंदिया सजानापायल की छम छम बजानाफॉसिल की घड़ियां सजानागेस की महक जगानाजारा के...
उस पगली की बातों में खोना।उसका पास होकर भी न होना।ख्याब उसके हरपल सँजोना।उसकी आगोश में आँखे भिगोना। आश भरकर...
बहुत दिन हुए स्पेन के उत्तरी भाग में घोड़ों का एक व्यापारी रहता था। परिवार में अपना कहने के लिए...
दुख में सुमरिन सब करे, सुख मे करे न कोयजो सुख मे सुमरिन करे, दुख काहे को होय तिनका कबहुँ...
पहला दृश्य प्रभात का समय। सूर्य की सुनहरी किरणें खेतों और वृक्षों पर पड़ रही हैं। वृक्षपुंजों में पक्षियों का...
किसी गांव में एक चमार रहता था। वह बड़ा ही चतुर था। इसीलिए सब उसे ‘चतुरी चमार’ कहा करते थे।...
मगध देश में महाबल नाम का एक राजा राज्य करता था । जिसके महादेवी नाम की बड़ी सुन्दर कन्या थी।...
दुनिया दूषती है हँसती है उँगलियाँ उठा कहती है ... कहकहे कसती है - राम रे राम! क्या पहरावा है ...