लोककथा भाग 4
एक सूफी संत थें।सूफियाना मिजाज के साथ ही उनके हाजिर जबाब होने की भी बहुत चर्चा थी।लोग उनसे दूरी ही...
एक सूफी संत थें।सूफियाना मिजाज के साथ ही उनके हाजिर जबाब होने की भी बहुत चर्चा थी।लोग उनसे दूरी ही...
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जबसे जाना जितना जाना, बुन रहा बस उसका ताना बाना नाम सी स्वर्णिम,कर्म स्वरूपा अंखियां जीवन ज्योत जगाई अधरों पर...
डरी हुई सहमी सीप्यारी सी भोली सीदेखती चिहुँक कर चहुओर धड़कन बढ़ी सांसे अटकीलगाए आस पुरजोरएक स्पर्श प्रेम का पाकरउड़ चली...
समझ कर भी नासमझी का फ़साना क्यूँ।अपने सी लगती फिर भी बेगाना क्यूँ।नासमझी का यूँ हर रोज नया बहाना क्यूँ।हर...
जादूगरी प्रशाधनो कीउचित अनुचित संसाधनों कीकुछ सुंदर बिंदिया सजानापायल की छम छम बजानाफॉसिल की घड़ियां सजानागेस की महक जगानाजारा के...
उस पगली की बातों में खोना।उसका पास होकर भी न होना।ख्याब उसके हरपल सँजोना।उसकी आगोश में आँखे भिगोना। आश भरकर...
मैं उसे देखकर नजरअंदाज कर दिया करता था।तब मुझे इनके ढकोसले पन और कर्महीनता पर बहुत ही क्रोध आता था।गन्दगी...
प्रवी रोज की तरह आज स्कूल से 1:00 बजे घर पहुँची।स्कूल का बैग उतारकर बगल में रख दिया और मेरे...
ये शहर की उन बदनाम गलियों की कहानी है जहाँ शरीफ ज़ादे दिन के उजाले में जानें में कतराते हैं।मगर...
बात उस समय की है जब मेरी पोस्टिंग पिथौरागढ़ के जंगली इलाके में थी।मैं उस छोटे से चौकी का इंचार्ज...
आजकल के आधुनिक भारत में जब महिलाओं को पुरुषों की बराबरी का दर्जा दिया गया है और महिलाएं पुरुषों के...
जब बनी इस्राईल के अख्लाक बिगड गए और आदतें खराब हो गई, तो अल्लाह तआला ने उन पर जालूत नाम...
बहुत पुरानी बात है।दादाजी और गांव के कुछ लोगों से सुना था।हमारे गांव में गोमती नदी के किनारे एक बहुत...
शातिर चोर किसी ज़माने में एक बहुत शातिर चोर था। वह बड़ा ही चतुर था। उसका मानना था कि वह...
टिपटिपवा एक गाँव में मेघु नाम का एक मोची ने अपने रहने के लिए एक झोपड़ी बना रखी थी। वह...
बचपन मे दादी और नानी से सुनी कहानियों का श्रृंखला बनाने का एक प्रयास। एक जंगल में ऊंट और सियार...
आज शहर के सबसे पुराने पुस्तकालय में प्रदर्शनी लगी हुई थी।बहुत से पाठक और लेखकगण वहाँ पहुंचे हुए थे।उन्ही में...
पूर्व भाग में आपने पढ़ा कैसे एक मित्र से मिलने हम इम्फाल जाते है वहां हमे एक डॉक्टर मित्र से...
गर्मियों की छुट्टियां आ गयी थी।हमने कही घूमने का प्लान बनाया पर कोई भी जगह फाइनल नहीं हो पा रही...
रोजाना की तरह आज भी धूप खिली हुई थी।ठंढक की ये प्यारी धूप लेने लोग अपने घरों से बाहर निकल...